द एचडी न्यूज डेस्क : राजनीतिक गलियारे से एक खबर है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के सांसद चुन लिए गए है. जानकारी के अनुसार, सुशील कुमार मोदी राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध चुने गए हैं. प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल से सुशील मोदी निर्वाचन प्रमाणपत्र प्राप्त किया. इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे. सुशील मोदी को नीतीश कुमार ने बधाई दी. नीतीश कुमार के अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल सहित कई और बड़े नेता वहां मौजूद थे. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी ट्वीट कर सुशील मोदी को राज्यसभा का सदस्य चुने जाने पर बधाई दी.

वहीं, सर्टिफिकेट मिलने के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, बिहार बीजेपी चीफ संजय जायसवाल समेत तमाम एनडीए के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. बता दें कि लोजपा के संस्थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट पर लोजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का ऐलान किया था.

विपक्ष ने राज्यसभा में नहीं उतारा प्रत्याशी
बिहार में राज्यसभा चुनाव का सियासी गणित एनडीए के पक्ष में था. एनडीए को 126 विधायकों का समर्थन हासिल है जबकि महागठबंधन के साथ 110 विधायक और सात अन्य हैं. यही वजह रही कि आरजेडी के प्रस्ताव को एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने स्वीकार नहीं किया था. चिराग पासवान ने इसीलिए लिए अपनी मां को राज्यसभा चुनाव में उतारने से पीछे हट गए थे, क्योंकि उन्हें पता था विपक्ष के सारे वोट एकजुट होने के बाद भी उनकी सीट नहीं निकल पाएगी.
बता दें कि सुशील मोदी से पहले बिहार बीजेपी से कोई भी सदस्य अभी तक चारों सदन का सदस्य नहीं बना है. इस फेहरिस्त में अभी तक आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ही चारों सदन के सदस्य जरूर रह चुके हैं. सुशील मोदी बिहार भाजपा के पहले ऐसे नेता होंगे, जिन्हें चारों सदनों का सदस्य होने का सौभाग्य प्राप्त होगा.

सुशील मोदी का राजनीतिक सफरनामा
सुशील मोदी भले ही 1977 से राजनीतिक कर रहे हों, लेकिन उन्हें पहली सफलता 1990 में पटना सेंट्रल विधानसभा सीट पर मिली थी. इसके बाद 2000 में भी इसी क्षेत्र से जीते. विधायक रहते हुए साल 2004 में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. 2005 में बिहार में बीजेपी विधान मंडल दल का नेता चुने जाने के बाद लोकसभा सदस्य पद से इस्तीफा दिया और बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. दूसरी बार 2012 और तीसरी बार जुलाई 2018 में बिहार विधान परिषद का सदस्य निर्वाचित हुए थे और अभी भी चार साल का कार्यकाल बचा था. हालांकि, इस बार नीतीश सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है, जिसके चलते उन्हें केंद्र की राजनीति में लाया जा रहा है. इसीलिए राज्यसभा के लिए चुना गया है.



