पटना : राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आ रही है. अंबेडकर छात्रावास के छात्र अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. लघु एवं जल संसाधन विभाग एवं अनुसूचित जाति एवं अनु जनजाति कल्याण विभाग बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन के आवास के बाहर काफी संख्या में छात्र धरने पर बैठे हुए हैं और अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. मंत्री के आवास के बाहर ही किताब खोलकर पढ़ाई शुरू कर दी.
दरअसल, पूरे बिहार में अंबेडकर छात्रावास को खाली कराया जा रहा है. छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में सेनिटाइजर कराने को कहा गया. जिसके वजह से उन्हें जबरन अंबेडकर छात्रावास से खाली कराया जा रहा है. यह सिलसिला एक महीने से चला आ रहा है. तीन बार हमारे हॉस्टल में नोटिस आ चुका है और कल ऐसा हुआ कि लगभग 50 से 60 या 150 पुलिस आकर जबरदस्ती खाली करा दिया. हमलोग को मारकर भगा दिया गया. एक महीने से हम लोग यह सिलसिला झेल रहे हैं. इस दरमियान में हमलोग पढ़ाई से बिल्कुल वंचित हो चुके हैं.
छात्रों का कहना है कि सरकार चाहती है कि यह दलित समाज के बच्चे लोग नहीं पढ़े और यदि हम नहीं पढ़े तो हथियार उठा लेंगे और इसके खिलाफ बैलेट सरकार से लड़ाई लड़ेंगे वैसे भी हम लोग को लड़ना ही है और अब सरकार चाहती ही नहीं है कि हम पढ़े , आगे पढ़े तो लड़ाई लड़ेंगे.
आगे छात्रों ने कहा कि जब हम मंत्री के आवास पर पहुंचे हैं उनसे मिलने के लिए तो हमें मिलने ही नहीं दिया जा रहा है. हम सुबह से ही भूखे प्यासे बैठे हुए हैं लेकिन 1 मिनट भी उनके पास मिलने के लिए टाइम नहीं है. अगर गार्ड से मंत्री के बारे में पूछते हैं तो कहते हैं कि वह सोए हुए हैं. बताइए कितना टाइम हो रहा है 1:30 बजने वाला है लेकिन अभी तक वह सो रहे हैं. हमारे साथ क्या हो रहा है बिल्कुल अन्याय हो रहा है. यहां तक कि प्यास लगती है तो पानी तक नहीं दिया जाता है. आखिर सरकार चाहती क्या है सरकार की मानसिकता क्या है कि यह हम लोग नहीं पढ़े यानी दलित के बच्चे आगे नहीं बढ़े.
शुरू से ही नीतीश कुमार दलित बच्चों के खिलाफ है. शुरू से ही दलित विरोधी हैं. अगर हॉस्टल खाली करवा रहे हैं तो एग्जाम भी पोस्पोन करा दें. अभी एग्जाम चल रहा है और ऐसे में कैसे एग्जाम देंगे जब हॉस्टल खाली करा दिया गया. इससे अच्छा है कि एक्जाम को पोस्पोन करा दें. हम लोग घर चले जाएंगे. क्योंकि 150 से 200 किलोमीटर हमलोग का घर है अब जब हॉस्टल खाली करवा दिए हैं तो इतने दूर से एग्जाम देने कैसे आएंगे. इसलिए मंत्री के आवास के बाहर किताब खोल कर बैठ गए वहीं पढ़ाई कर करेंगे और यहीं से एग्जाम देने जाएंगे.
संजय कुमार की रिपोर्ट