द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के पटना कार्यालय के बाहर आज छात्रों की तरफ से जोरदार प्रदर्शन किया जा रहा है. धरना छात्रों का सीधे तौर पर कहना है कि 2014 की बहाली में आठ साल लग गए. हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों का हंगामा कर रहे हैं. काउंसलिंग और नियुक्ति की मांग को लेकर हंगामा किया जा रहा है.
छात्रों का कहना है कि इतनी पुरानी आए और प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र कहां से ला पाएंगे. वर्तमान के जो जातीय प्रमाण पत्र हैं वह हम दे सकते हैं. जो भी वर्तमान सर्टिफिकेट है वह तमाम चीजें दे सकते हैं. लेकिन सरकार नया एक बहाना ढूंढ रही है. एक तो आठ सालों के बाद बहाली हुई. उसके बावजूद भी सरकार की इतनी बड़ी लापरवाही देखी जा रही है. जिसके खिलाफ आज बिहार कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के बाहर काफी संख्या में छात्रों ने धरना दिया. छात्रों ने कहा कि हमारी मांग पूरी नहीं होती है तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे, जरूरत पड़ा तो आत्मदाह भी करेंगे. लेकिन सरकार से अपनी मांग पूरी करवा कर ही छोड़ेंगे.
आपको बता दें कि बीएसएससी प्रथम इंटर स्तरीय बहाली जो 2014 में आई थी. साढ़े सात साल बाद अब काउंसलिंग होना है लेकिन बीएसएससी के तुगलकी फरमान से काउंसलिंग के लिए सलेक्ट अभ्यर्थियों की परेशानी बढ गई है. ऐसा लगता है कि बीएसएससी बहाली पूरा करना ही नहीं चाहती. जाति प्रमाण पत्र, नन क्रीमीलेयर सर्टिफिकेट, कंप्यूटर दक्षता और टाइपिंग सर्टिफिकेट 2014 का बना हुआ है, काउंसलिंग में मांग की जा रही है जबकि 2014 के विज्ञापन में ऐसा नहीं लिखा हुआ था. इस कारण 90 फीसदी सलेक्टेड अभ्यर्थियों को भी नौकरी से बाहर होना पड़ेगा. परीक्षार्थियों की मांग है कि 2014 के विज्ञापन के अनुसार काउंसलिंग में कागजात मांगा जाए. इन्हीं मांगों को लेकर आज सुबह से परीक्षार्थियों द्वारा बीएसएससी कार्यालय के आगे धरना दिया जा रहा है.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट