मुंबई : सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार की शुरुआत हरे निशान में हुई है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 327 अंकों की तेजी के साथ 31,659 पर खुला और सुबह 10.20 पर यह 726.87 अंक की उछाल के साथ 32,054 पर पहुंच गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सुबह तेजी के साथ 9,259.70 पर खुला. सुबह 10.28 बजे तक 207.50 अंकों की तेजी के साथ 9,361.90 पर पहुंच गया. कारोबार की शुरुआत में करीब 749 शेयरों में तेजी और 161 में गिरावट देखी गई.
रिलायंस के शेयर में लगातार तेजी
रिलायंस जियो-फेसबुक डील के बाद से RIL के शेयर में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. सुबह 10.32 बजे तक रिलायंस के शेयर चढ़कर 1462.45 पर पहुंच गए थे. आज की तेजी में बैंकिंग शेयरों का जोरदार योगदान है. सभी सेक्टर सूचकांक हरे निशान में देखे गए.
शुक्रवार को आई थी गिरावट
गुरुवार को बड़ी बढ़त के बाद सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर बिकवाली देखने को मिली थी. इस दिन सेंसेक्स उतार-चढ़ाव के बाद 1.68 फीसदी या 535.86 अंक लुढ़क कर 31,327.22 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी की बात करें तो ये 159.50 अंक या 1.71 फीसदी के नुकसान के साथ 9,154.40 अंक पर रहा.
विदेशी बाजारों में डॉलर की तेजी और घरेलू शेयर बाजार के गिरावट के बीच शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 40 पैसे गिरकर 76.46 पर बंद हुआ. कारोबारियों ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर मानी जा रही एक दवा के पहले ट्रायल में असफल होने से बाजार की धारणा प्रभावित हुई.
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की GDP विकास दर का अनुमान वर्ष 2020-21 के लिए 0.8 फीसदी रखा है. फिच ने बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन और वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण अनुमान को घटाया गया है. फिच के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में वृद्धि दर में गिरावट की मुख्य वजह उपभोक्ता खर्च में कमी होगी.
इस बीच, भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कंपनियों को शेयर बायबैक नियमों में ढील दी है. नियामक ने बायबैक के बाद दोबारा प्रतिभूति बाजारों के जरिये पूंजी जुटाने पर समय की रोक को एक साल से घटाकर छह माह कर दिया है.
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि यह छूट 31 दिसंबर, 2020 तक लागू रहेगी. सेबी के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी से जुड़े घटनाक्रमों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. इस बारे में अंशधारकों से कई सुझाव मिले थे. आपको बता दें कि कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं. आप इसे आईपीओ का उलट भी मान सकते हैं. बायबैक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद खत्म हो जाता है.