PATNA: प्लास्टिक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है । आज हरेक व्यक्ति के जीवन की दिनचर्या प्लास्टिक के वस्तु को हाथ में लिए शुरू होती है । प्लास्टिक को जीवन से पूरी तरह अलग कर दिया जाय यह असंभव लगता है । लेकिन प्लास्टिक के तमाम उपयोग एवं अछाईयों के रहते हुए भी इसके कुछ अवगुण है इसका सबसे बड़ा अवगुण इसका पूरी तरह नष्ट न होना है । जिसके कारण प्लास्टिक के वस्तुओं का डिस्पोजल वर्तमान में एक वैश्वीक समस्या बन गयी है साथ ही एक चुनौति बन गयी है ।
सरकार दिनांक 1 जुलाई 2022 के प्रभाव से एकल उपयोग ( Single Use ) वाले प्लास्टिक के वस्तुओं का उत्पादन क्रय विक्रय , भंडारण जैसी सभी तरह की गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबन्धित करने जा रही है । सरकार के उक्त निर्णय से आसन्न परेशानियों के मद्देनजर बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया गया। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अरूण अग्रवाल ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हम सरकार के इस चिन्तन का समर्थन करते हैं , क्योंकि प्लास्टिक के वस्तुओं का निस्पादन वर्तमान में एक वैश्वीक समस्या बन गयी है।
साथ ही उन्होंने कहा “उद्योग के दृष्टिकोण से देखें तो हमारी सबसे बड़ी चिन्ता इस क्षेत्र में कार्यरत उद्योगों तथा उसमें लगे कामगारों के भविष्य को ले कर है क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक निर्माण व्यवसाय में भारी निवेश है।सरकार का निर्णय एक तरह से देश की कंपनियों के साथ सौतेला व्यवहार दिख रहा है।” वही उन्होंने लाखों लोगों के रोजगार छीनने की बात छेड़ी। उन्होंने कहा प्रतिबन्धित होने के कारण इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमी , कामगार के साथ- साथ इसके विपणन चेन में आने वाले सभी लोगों के समक्ष गम्भीर संकट आने वाला है ।
एसोसिएशन के महासचिव श्री आशीष रोहतगी ने भी अपनी बातें रखी और कहा कि एकल उपयोग प्लास्टिक को पूरी तरह से बन्द होने पर विकल्प मुहैया कराने के लिए प्रयाप्त तैयारी नहीं की गयी है । बिना ठोस विकल्प के एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से सम्बन्धित गतिविधियों पर पूर्ण व्यापार के साथ – साथ आम जनता भी गम्भीर रूप से प्रतिबन्ध लगाने से पूरे देश में उद्योग प्रभावित होगी क्योंकि वर्तमान में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद का विकल्प हमारे पास उपलब्ध नहीं है । लाखो – करोडों लोगों से एक साथ रोजगार छिन जायेगा उद्योगों के बन्द होने से देश के बैंक से लिए गये ऋण NPA होगा , जो अर्थव्यवस्था के लिए सुखद नहीं होगा ।
इस अवसर पर प्लास्टिक उत्पाद निर्माण कार्य से जुड़े उद्यमी तथा एसोसिएशन के सदस्य श्री प्रेम कुमार ने बताया कि देश की सरकार की संस्था के द्वारा यह जानकारी दी जा रही है कि एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद के वैकल्पिक उत्पाद जो पूरी तरह बायोडिग्रेडेवल होंगे , पर शोध एवं अनुशंधान कार्य अन्तिम चरण में है । फिर भी इसे वाणिज्यिक उत्पादन में लाने में कम से कम छः माह से लेकर एक वर्ष का समय लगने की सम्भावना है । श्री कुमार आगे बताया कि 1 जुलाई 2022 से तत्काल 19 आईटम पर प्रतिबन्ध लगने जा रहे हैं । सिर्फ 19 आईटमों को प्रतिबन्धित कर प्लास्टिक कचरे में कमी नहीं लायी जा सकती है। उन्होंने सरकार से एकल उपयोग प्लास्टिक उत्पाद से सम्बन्धित गतिविधियों पर 1 जुलाई 2022 से लगने जा रहे प्रतिबन्ध को तत्काल स्थगितरखने कि मांग की है।
-पटना से अनामिका कि रिपोर्ट