पटना : बिहार सरकार में श्रम संसाधन विभाग का जिम्मा संभाल रहे बीजेपी विधायक और नेता जीवेश मिश्रा के साथ गुरुवार को जो हुआ उसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. जिस तरह से अधिकारियों की गाड़ी को क्रॉस कराने के लिए विधानसभा जा रहे मंत्री की गाड़ी को रोका गया, उसपर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. खासकर बीजेपी के नेता इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं. इसी क्रम में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पूरी घटना पर प्रतिक्रिया दी है.
जायसवाल ने कही ये बात
फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री जीवेश मिश्रा के साथ विधानसभा प्रांगण में जो भी घटना घटी है, उस पर मुझे पूरा विश्वास है कि विधानसभा अध्यक्ष जरूर ही संज्ञान लेंगे. मुख्य सचिव की ओर से यह कहा जाता है कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक को करना है. लेकिन जो अफसर सामान्य शिष्टाचार का भी पालन नहीं करते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
आईएएस और आईपीएस पर लगाया आरोप
उन्होंने कहा कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी पूरे भारत में जनता और जनप्रतिनिधियों के साथ हर तरह के शिष्टाचार का पालन करते हैं. लेकिन बिहार में कुछ अफसर पब्लिक सर्वेंट अर्थात जनता के सेवक के बदले राजतंत्र की तरह व्यवहार करते हैं. कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आईपीएस प्रशिक्षुओं को यह बताया था कि उनका व्यवहार जनता एवं जनप्रतिनिधियों के प्रति कैसा होना चाहिए.
जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि सीएम नीतीश के मंत्री जीवेश मिश्रा ने पटना के डीएम और एसएसपी पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पटना के डीएम-एसएसपी की वजह से उनकी गाड़ी को विधानसभा में आने से रोका गया है. मंत्री की मानें तो एक पुलिस वाले ने उनकी गाड़ी रोकी, जिसके बाद सामने से डीएम और एसपी की गाड़ी निकल गई.
इस घटना के बाद वे आग बबूला हो गए और अपनी कार से उतर कर जोर-जोर से चिल्लाने लगे. उन्होंने वहां मौजूद मीडिया से कहा कि हम सरकार हैं. एसपी और डीएम की गाड़ी के कारण मंत्री की गाड़ी रोकना कहां का कानून है? जिस अधिकारी ने गाड़ी रोकी है, जब तक उसका सस्पेंशन नहीं होगा वे सदन के अंदर नहीं जाएंगे.