रांची : झारखंड की राजधानी रांची में आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठक हुई. जिसमें झारखंड के खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख सहित कई लोग मौजूद थे. झारखंड सरकार आगामी 29 दिसंबर को एक साल पूरा करने जा रही है. इसी को लेकर बैठक चल रही थी. बैठक में प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि झारखंड चुनाव में हुई घोषणाएं जल्द दिखेंगी.

वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि रांची के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो की हेमंत सोरेन सरकार में इसाई समुदाय को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग सर्वदा उचित है. लोकतंत्र में अपनी विचार प्रकट करने का उन्हें पूरा अधिकार प्राप्त है और पार्टी इसका समर्थन करती है व इनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करती है. परंतु मंत्री पद का विषय पूरी तरह से मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार का मसला है, इसलिए पार्टी या कोई अन्य संगठन इस मसले पर सिर्फ आग्रह ही कर सकता है और इस तरह के आग्रह को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. हर वर्ग और समुदाय की सरकार से अपनी मांग होती है और वह अपनी बात रखने को पूरी तरह से स्वतंत्र है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दूबे ने कहा कि भाजपा का यह बयान पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड में चर्च के कुछ पदाधिकारी राजनीतिक हस्तक्षेप करते है, जबकि सच्चाई है कि इस तरह की मांग विभिन्न संगठनों की ओर से समय-समय पर की जाती रही है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में रघुवर दास सरकार में अल्पसंख्यक व इसाई धर्मावलंबियों के साथ भेदभाव आम बात थी, उनके हक और अधिकार पर कुठाराघात किया जा रहा था, लेकिन अब गठबंधन सरकार में सभी वर्गों का समुचित विकास संभव हुआ है.

प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि चुनाव के दौरान भी भाजपा ने चर्च की भूमिका पर कई सवाल खड़े थे, लेकिन खूंटी, सिमडेगा और गुमला जिले में भाजपा नेताओं की अपील को क्षेत्र की जनता ने खारिज कर दिया था. प्रदेश प्रवक्ता डॉ. राजेश गुप्ता ने कहा कि झारखंड के विभिन्न सुदूरवर्ती हिस्सों में शैक्षणिक विकास, चिकित्सीय सुविधा और मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में इसाई धर्मावंबियों और चर्च की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.
गौरी रानी की रिपोर्ट