रांची : झारखंड विधानसभा में पहली बार राज्य के अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव आया. प्रश्नकाल के बाद स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने सदन में निंदा प्रस्ताव लाया. विधानसभा में स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने चीफ सेक्रेटरी और मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित करें कि सारे पदाधिकारी और अधिकारी विधायकों को यथोचित सम्मान दें. उन्होंने कहा कि यह बात कई बार सामने आई है कि अधिकारी विधायकों को सम्मान नहीं देते. आसान इसके लिए खेद व्यक्त करता है. स्पीकर ने कहा कि नियम के मुताबिक अधिकारी विधायकों को अक्षरशः सम्मान दें.
क्या था मामला
विधानसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरोप लगाया कि राजभवन में सोमवार को आयोजित रात्रि भोज में अधिकारियों ने विधायकों का अपमान किया. कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने सूचना के तहत कहा कि सोमवार की रात राज्यपाल ने विधायकों को रात्रि भोज में आमंत्रित किया था, लेकिन वहां जो व्यवस्था थी वह विधायिका की गरिमा के ख़िलाफ़ थी. कहा कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री सुदेश महतो, इरफान अंसारी, लंबोदर महतो के लिए बैठने की जगह तक नहीं मिली.
वे आम लोगों के साथ बैठे. कहा कि भोज की समाप्ति के बाद विधायकों की गाड़ी बुलाई जा रही थी. ट्रैफिक में तैनात रमेश गिरी ने विधायकों की गाड़ी को रोकवा दिया और एडीजी मुरारीलाल मीणा की गाड़ी को आगे बढ़ाने लगे. कहा कि इतना ही नहीं विधानसभा में भी गेट नंबर-3 पर विधायकों के आगमन के समय वहां तैनात पुलिसकर्मी और अधिकारी ने प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा.
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने पुलिस अधिकारी मुरारीलाल मीणा को एक घटिया अफसर बताया है. साथ ही रांची डीसी छवि रंजन को लेकर कहा है कि उन्होंने तीन लाख रुपए लेकर रिवाल्वर का लाइसेंस देने का काम किया है. विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस मामले पर सदन से निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की. स्पीकर ने कहा कि यह मामला दुखद है और वह इसको लेकर काफी चिंतित है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह राज्य के आला अधिकारियों को पत्र लिखेंगे.
गौरी रानी की रिपोर्ट