नई दिल्ली : साल के सबसे बड़े दिन आज यानी 21 जून को सूर्य ग्रहण लगना शुरू हो गया है. 25 साल बाद ये पहला मौका है जब वलायाकार यानी अंगूठी की तरह दिखने वाला ग्रहण लगा है. सूर्य ग्रहण के दौरान भारत के कई शहरों में आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह नजर आ रहा है. इससे पहले वर्ष 1995 में इस तरह का ग्रहण देखा गया था. सूर्य ग्रहण सुबह 09.15 बजे से शुरू होकर दोपहर 03.04 मिनट पर खत्म होगा.
ज्योतिषियों के मुताबिक, लगभग पांच घंटे 49 मिनट तक यानी करीब छह घंटे के इस ग्रहण में ग्रहों के संयोग से कई परिणाम देखने को मिल सकते हैं. सूर्य ग्रहण भले ही खगोलीय घटना हो, लेकिन धर्म-ज्योतिष और विज्ञान में इसके अपने मायने होते हैं. ज्योतिषों की मानें तो महामारी के दौर में लगने वाला सूर्य ग्रहण काफी अशुभ है. ये न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में रोग और महामारी वाला ग्रहण साबित हो सकता है.
कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण भारत, पाकिस्तान, चीन, सेंट्रल अफ्रीका के देश, कॉन्गो, इथोपिया, नॉर्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर और यूरोप के अलग-अलग देशों में दिखाई देगा. राजस्थान के सूरतगढ़ और अनूपगढ़, हरियाणा के सिरसा, रतिया, और कुरुक्षेत्र तथा उत्तराखंड के देहरादून, चंबा, चमोली और जोशीमठ जैसे क्षेत्रों से ‘अग्नि-वलय’ एक मिनट तक दिखेगा.
रिंग ऑफ फायर की तरह दिखेगा सूर्य
हर शहर में सूर्य ग्रहण अलग-अलग समय पर लगेगा. जानकारों की मानें तो नई दिल्ली में सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और 01 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा. उत्तरी राज्यों राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में सूर्य ग्रहण की वलयाकार यानी पूर्ण छल्लेदार अवस्था दिखेगी. जबकि, बाकी देश में आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. जिन इलाकों में सूर्य ग्रहण पूरी तरह से रिंग ऑफ फायर जैसा दिखाई देगा, वो हैं – देहरादून, कुरुक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा और सूरतगढ़. इन जगहों पर सूर्य ग्रहण का पूर्ण छल्ला 98.6 फीसदी तक दिखाई दे सकता है.