द एचडी न्यूज डेस्क : देश एक तरफ कोरोना जैसी महामारी से जुझ रहा है. वहीं नेता जी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं. देश में करीब 56 हजार कोरोना से संक्रमित मरीज है. वहीं 1900 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार में भी कोरोना संक्रमित की संख्या 560 हो गई है जबकि पांच लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 246 लोग स्वस्थ होकर घर भी आ गए हैं.
कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया जा रहा है. सरकार लोगों से अपील कर रही है कि एक दूसरे से दूरी बनाये रखें. लेकिन ये बातें बिहार में लागू नहीं होती. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यहां से जो तस्वीर सामने आई है वह इसी बात को साबित करती है.
दरअसल कोरोना कहर के बीच भी बिहार के नेताओं को आरक्षण का कीड़ा काट रहा है. यही वजह है कि आरक्षण के मुद्दे पर सभी नेताओं ने एक बैठक बुलाई जिसमें सरकार और विपक्ष के मुमाइंदें भी शामिल हुए. बैठक भी बिहार की उस इमारत में बुलाई गई जहां बैठने वाले लोगों पर सोशल डिस्टेंसिंग को मैंटेन करने और करवाने की पूरी जिम्मेवारी है.
बिहार विधानसभा के एक कमरे में बिहार के कई बड़े नेताओं की मंडली जुटी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से लेकर नीतीश के मंत्री श्याम रजक तक शामिल हुए. इन नेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग को धत्ता बताते हुए घंटों एक कमरे में बैठक की और फिर चलते बने. बैठक में सभी पक्ष और विपक्ष दल के विधायक मौजूद हैं. लॉकडाउन के बावजूद विधायक विधानसभा के लॉबी में जुटे हैं.
अब सवाल उठता है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वाले आम लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है, अब क्या इन माननीय के खिलाफ भी सरकार कोई सख्त कदम उठाएगी…या फिर सोशल डिस्टेंसिंग सिर्फ आम लोगों पर लागू है क्योंकि माननीयों ने कोरोना से कोई गुप्त करार कर रखा है.
अंशु झा की रिपोर्ट