पटना : राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पिता के निधन के बाद से शहाबुद्दीन कोर्ट से पैरोल मांग रहे थे. पैरोल पर वह सिवान आना चाहते थे. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें तीन दिनों के लिए सशर्त पैरोल दे दिया है. लेकिन उन्हें दिल्ली में रह कर ही परिजनों से मुलाकात करना है. हर दिन उन्हें छह-छह घंटे परिजनों से मिलने की इजाजत है.

शहाबुद्दीन को कोर्ट ने एक तरीके से कस्टडी पैरोल दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार न्यायमूर्ति एजे भंभावी की पीठ ने शहाबुद्दीन को किसी भी तीन दिन में छह-छह घंटे की कस्टडी पैरोल की अनुमति दिया है. इस दौरान कड़े सुरक्षा इंतजाम के निर्देश भी दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में ही स्थान तय कर परिजनों को जेल अधीक्षक को जानकारी देनी होगी. उसके बाद उस स्थान का पुलिस सत्यापन करेगी और सुरक्षा इंतजाम के साथ मुलाकात की इजाजत देगी.
गौरतलब है कि मोहम्मद शहाबुद्दीन गैंगस्टर से नेता बने हैं. उनके उपर अपहरण और हत्या के दर्जनों मामले दर्ज हैं. वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. 19 सितंबर को पिता की मौत के बाद उनके परिजनों ने कस्टडी पैरोल की मांग की थी. साथ ही कहा था कि अब मां की तबीयत भी खराब है.

ये है शर्त
कोर्ट ने शहाबुद्दीन को सशर्त कस्टडी पैरोल दिया है. कोर्ट ने कहा है कि 30 दिनों के अंदर कोई भी तीन दिन चुन लें. सुबह छह बजे से लेकर शाम चार बजे के बीच वह परिजनों से मिल सकते हैं. कोर्ट ने उन्हें छह घंटे का वक्त दिया है. लेकिन इसमें जेल से आने-जाने का समय भी शामिल रहेगा. इस दौरान शहाबुद्दीन से सिर्फ उनकी मां, पत्नी और रिश्तेदार ही मिल सकेंगे. किसी बाहरी व्यक्ति को मिलने की इजाजत नहीं होगी.