PATNA: बुढ़े बुजुर्गों को पेंशन मिलती थी तो परिवार के लोग घेर कर सेवा सत्कार करते थे। पेंशन ही उनके बुढापे की लाठी हुआ करती थी। यात्रा में भी बडे बुजुर्गों को इसलिए ज्यादतर परिवार ले जाते थे क्योंकि उनको 50 प्रतिशत की छूट रेल टिकट पर मिल जाती थी।
सच यह भी है कि सभी परिवार में ऐसा नहीं होता लेकिन आज के समाज की हकीकत से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में रेलवे ने सीनियर सिटीजन को ट्रेन के टिकट पर नहीं मिलने की बात कह कर उनकी मंगलमय यात्रा पर मानो विराम लगा दिया। रेल मंत्री की माने तो सीनियर सिटीजन के छूठ से रेलवे को नुकसान का सामना करना पड़ रहा था।
पिछले तीन साल का आंकड़ा बताते हुए इस बात की घोषणा की गई है। सीनियर सिटीजन को ट्रेन टिकट पर अब छूट नहीं दी जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में स्थिति साफ कर दी है। हालांकि भारतीय रेल ने दिव्यांग जनों की चार श्रेणियों, रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों के किराए में छूट देना जारी रखा है।
केंद्रीय रेल मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा है कि भारतीय रेल पहले से ही वरिष्ठ नागरिकों समेत यात्रियों के लिए यात्रा लागत पर 50% से अधिक का खर्च पहले से बहन कर रही है। इसके अलावा कोविड-19 के कारण पिछले 2 वर्षों की रेलवे की कमाई तुलनात्म रूप से कम रही। इसका रेलवे की वित्तीय सेहत पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि इसी कारण सीनियर सिटीजन समेत कई श्रेणियों के किराए में छूट का दायरा बढ़ाना ठीक नहीं है।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट