मुंबई : गुरुवार को बड़ी बढ़त के बाद सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर बिकवाली देखने को मिली. इस दिन शुरुआती 15 मिनट के कारोबार में सेंसेक्स 500 अंक की गिरावट के साथ 31 हजार 300 अंक के स्तर पर था तो वहीं निफ्टी 150 अंक लुढ़क कर 9,100 अंक के स्तर पर पहुंच गया.
शुरुआती कारोबार में बैंकिंग सेक्टर के शेयर सबसे अधिक नुकसान में चल रहे थे. कोटक बैंक, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर लाल निशान पर थे. वहीं एचसीएल, सनफार्मा, हीरोमोटो कॉर्प, टेक महिंद्रा और एलएंडटी के शेयर में बढ़त दिखी.
बता दें कि गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी मजबूती के साथ बंद हुए. सेंसेक्स में 483.53 अंक या 1.54 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई और यह 31,863.08 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 127 अंकों की तेजी के साथ 9,313.90 के स्तर पर रहा.
फिच ने विकास दर के अनुमान को घटाया
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की GDP विकास दर का अनुमान वर्ष 2020-21 के लिए 0.8 फीसदी रखा है. फिच ने बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन और वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण अनुमान को घटाया गया है.फिच के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में वृद्धि दर में गिरावट की मुख्य वजह उपभोक्ता खर्च में कमी होगी. उपभोक्ता खर्च इस साल 5.5 फीसदी से घटकर 0.3 फीसदी रह जाएगी. बीते हफ्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा था कि भारत की विकास दर 1.9 फीसदी तक रह सकती है.
सेबी ने बदले शेयर बायबैक नियम
इस बीच, भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कंपनियों को शेयर बायबैक नियमों में ढील दी है. नियामक ने बायबैक के बाद दोबारा प्रतिभूति बाजारों के जरिये पूंजी जुटाने पर समय की रोक को एक साल से घटाकर छह माह कर दिया है.
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि यह छूट 31 दिसंबर, 2020 तक लागू रहेगी. सेबी के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी से जुड़े घटनाक्रमों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है. इस बारे में अंशधारकों से कई सुझाव मिले थे. आपको बता दें कि कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं. आप इसे आईपीओ का उलट भी मान सकते हैं. बायबैक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद खत्म हो जाता है.