छपरा : बिहार एमएलसी चुनाव के लिए सारण से निर्दलीय प्रत्याशी इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने आज छपरा नगर निगम के वार्ड पार्षदों को भगवान बाजार के शगुन हॉल में संबोधित किया. सच्चिदानंद राय ने संबोधन के दौरान बड़ी बात कह डाली. उन्होंने कहा कि राजनीति हमारे लिए धन कमाना नहीं सेवा का माध्यम है. उन्होंने कहा कि गांव में शहरों की जैसे सुविधा मिलेगी तो शहर भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. इसी संकल्प के साथ चुनाव मैदान में आया हूं. अब आपको फैसला करना है, आपको आपका सेवक कैसा चाहिए.
उन्होंने कहा कि राजनीति हमारे लिए धन कमाने का नहीं बल्कि समाज सेवा का माध्यम है. नगर पंचायत और नगर निगम में में विकास कार्य नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के कार्यों में इतना व्यस्त रहा कि नगर पंचायत के लिए समय ही ना मिला. यह समझिए कि मैंने अपने अधिकारों को समझा ही नहीं. परंतु इस बार लोग लालच देकर धन और बल का प्रयोग कर चुनाव इसलिए जितना चाहते है ताकि वो सरकार के खजाने से कुछ धन कमा सके.
सच्चिदानंद राय ने कहा कि मैं पहला वैसा व्यक्ति हूं जो धन कमाकर सेवा भाव से राजनीति करने आया हूं. मेरी सोच है की यदि मेरे ईमानदार प्रयासों से मेरे जनप्रतिनिधि साथियों को उनका अधिकार मिल जाए. उनके द्वारा कार्यान्वयन कर योजनाओं से गांव का स्वरूप बदल जाए. मैंने सबसे पहले जनप्रतिनिधियों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी. जब अधिकार मिलेगा और कार्य होंगे तो निश्चित ही गांव की सरकार की वजह से गांव सुंदर दिखेगी और उससे जनप्रतिनिधियों का भी विकास होगा. कार्य करने से ही इंसान आगे बढ़ता है जब कार्य ही मिलेंगे तो चुनाव जीतने का क्या मकसद, इसलिए मैंने कार्य लेने के लिए पहले आपके अधिकार की लड़ाई लड़ी है. जिसमें काम मिलना शुरू हुआ. 2022-23 में बहुत सारी नई योजनाओं में भी आपकी भागीदारी हो इसके लिए मैं चुनावी मैदान में हूं.
भाजपा के निष्कासन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो होना ही था. 11 को जब टिकट कन्फर्म नहीं हुआ उसी दिन मैं यह समझ गया कि प्रदेश नेतृत्व की मंशा क्या है. नदी में छुपकर रहने वाले नेता अनुशासन का पाठ पढ़ाते है. इसकी चिंता नहीं करनी है. अभी मात्र एक लक्ष्य है चुनाव में चार हजार पार और 2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर है. वैसे सात अप्रैल को चुनाव नतीजे आने के बाद मैं खुद वैसे समिति सदस्यों से हिसाब करूंगा की मेरा टिकट किन कारणों से काटा गया. मैं भी बताऊंगा की पार्टी और जनप्रतिनिधियों के लिए मैंने क्या क्या किया है. मुझपर आज तक एक भी प्रकार से ना तो भ्रष्टाचार का दाग लगा और ना ही किसी अन्य चीजों की. जिस प्रकार से जनप्रतिनिधियों ने अपना समर्थन देने का मन बनाया है, मुझे विश्वास है इस बार का निर्णय चार हजार के पार ही मत होगी.
विशाल भारद्वाज और बिपिन कुमार मिश्रा की रिपोर्ट