रांची ब्यूरो
रांची: पूर्व मंत्री सरयू राय ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि उम्मीद थी कि लॉकडाउन-3 में आर्थिक गतिविधियां आरंभ करने के लिए आपके स्तर से किसी न किसी प्रकार की नियंत्रित छूट मिलने की घोषणा होगी। ऐसा नहीं हुआ तो जरूर ही इसका कोई न कोई कारण होगा। अवगत हैं कि झारखंड के सभी पड़ोसी राज्यों ने लॉकडाउन-3 की अवधि में विगत तीन मई से ही आर्थिक गतिविधियां चलाने के लिये किसी न किसी प्रकार की नियंत्रित छूट अपने राज्य में देने की अधिसूचना जारी किया है। यदि लॉकडाउन-3 में झारखंड में भी छूट मिलती है तो उद्योग, व्यवसाय एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों की तथा रोजाना काम करने वाले श्रमिकों की परेशानियां एक सीमा तक दूर हो जाएगी।
खेती का समय आ रहा है। देश का अन्न भंडार भरा रहने के लिये कृषि गतिविधियां आरम्भ होना जरूरी है। कुछ लोगों को लगता होगा कि किसानों के बैंक खाता में केवल पांच-दस हजार रुपये डाल देने से ही खेती-किसानी की सहायता हो जायेगी, तो ऐसा सोचना सही नहीं है। खेती के लिए किसानों को आवश्यक उपकरण, उपकरणों एवं कृषि यंत्रों के पार्ट-पूर्जे तथा खाद, बीज, कीटनाशक जैसे इनपुट भी चाहिए। जिनका मिलना बाजार खुलने से ही संभव है। झारखंड में लॉकडाउन-3 की अवधि में छूट नहीं मिलने से लोगों के मन में असमंजस है कि आखिर इसका कारण क्या हो सकता है? जब पड़ोसी राज्यों की जनता विगत तीन मई से ही लॉकडाउन-3 में नियंत्रित छूट के साथ गुजर-बसर कर रही है और अपनी आर्थिक गतिविधियां चला रही है परंतु झारखंड में ऐसा नहीं हो रहा है तो जरूर इसके पीछे कोई न कोई ठोस कारण होगा। इससे लोग अवगत होना चाहेंगे। अतः अनुरोध है कि लोगों का असमंजस दूर हो, उनकी जिज्ञासा पूरी हो खेती एवं अन्य गतिविधियाँ को गति मिले इसके लिये अपने स्तर से आवश्यक प्रयास करेंगे।