रांची : सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राज्य आदिवासी समाज और आदिवासी संस्कृति सरना धर्म रक्षा अभियान के तत्वावधान में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर आगामी भावी कार्ययोजना एवं रणनीति की घोषणा की गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉक्टर करमा उरांव ने कहा कि अलग धर्म कोड की मांग को लेकर पिछले 20 तारीख को आयोजित रैली कॉफी अभूतपूर्व रही. सभी की मांगे अलग सरना धर्म कोड लागू करने की थी, इसी मुद्दे पर हमारी मुलाकात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सकारात्मक रही.
उन्होंने कहा कि मैं विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड पास करवाऊंगा. मुख्यमंत्री के आश्वासन से हम खुश हैं. सरना धर्म कोड नहीं होने के कारण धर्मांतरण किया जा रहा है. राज्य अगर इसे पास करके केंद्र के पास भेजती है तो इसको पास कराने के लिए दिल्ली में संसद मार्च किया जाएगा. केंद्र से दो-दो हाथ करने की तैयारी हो चुकी है. सरना धर्म को चुनौती देने वालों को हम चेतावनी देना चाहेंगे कि वह हमारी राह में रोड़ा ना अटकाए बल्कि विधानसभा से पारित करने में सहयोग करें, लाखों करोड़ों लोगों की आस्था के विषय को लोग मजाक ना बनाएं भाजपा और आरएसएस की दलाली करना बंद करें. सरना पूजा स्थल ही नहीं धर्म भी है.
वहीं धर्मगुरु बंधन तिग्गा राज्य की सहयोगी पार्टी के मंत्री रामेश्वर उरांव के तरफ से हमें आश्वासन मिला था कि मानसून सत्र में इस धर्मकोङ को विधानसभा से पारित करा लिया जाएगा, लेकिन आपसी तालमेल के अभाव में मानसून सत्र में नहीं हुआ. हमें उम्मीद है शीतकालीन सत्र में इसे विधानसभा से पास करवा कर केंद्र को भेज दिया जाएगा. अगर राज्य सरकार या केंद्र सरकार हमें अपना अलग कोड नहीं देती हैं तो व्यापक आंदोलन देशभर में किया जाएगा. पूरे देश में सरना अनुयायी रोड पर निकलकर चक्का जाम करेंगे. पूरे देश में आर्थिक नाकेबंदी कर दी जाएगी. जिसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है.
गौरी रानी की रिपोर्ट