रांची : झारखंड सहित राजधानी रांची के कोरोना की भयावह होती स्थिति को लेकर सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सेठ ने कहा है कि एक तरफ कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरी केंद्र सरकार लगातार काम कर रही. खुद प्रधानमंत्री जी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. यह ऐसी संकट की घड़ी है जब हमें साथ आकर कोरोना से लड़ने की आवश्यकता है. झारखंड में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है.
राजधानी रांची की स्थिति सबसे भयावह हो चुकी है. विभिन्न समाचार माध्यमों से खबर आ रही है कि अस्पतालों में बेड नहीं हैं. ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है. वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं है. मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे. उनका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है. सबसे दुखद बात यह है कि दो दिन पूर्व झारखंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी विजय पासवान का भी इलाज नहीं हो पाया. उन्हें बेड तक नहीं मिल पाया और कोरोना से उनकी असामयिक मौत हो गई. यह घटना राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की चरमरा चुकी स्थिति को बताने के लिए पर्याप्त है. सदर अस्पताल में 500 बेड के अधूरे पड़े भवन को लेकर राज्य के उच्च न्यायालय ने भी कड़ी टिप्पणी की है. इस पर अमल करते हुए अविलंब संबंधित एजेंसी को निर्देशित कर इसे पूर्ण कराने की आवश्यकता है.
सेठ ने कहा है कि एक तरफ सरकारी स्तर पर कोरोना संक्रमण के इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है तो दूसरी तरफ निजी अस्पताल कोरोना के ईलाज के नाम पर नागरिकों का जबरदस्त दोहन कर रहे हैं, जो राज्य के लिए बहुत ही बुरा है. निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना के ईलाज के नाम पर किए जा रहे दोहन पर रोक लगाने की आवश्यकता है.
इस दिशा में मेरा आपको सुझाव है कि इस मुद्दे पर स्वास्थ्य विभाग की स्थिति को बेहतर की जाए. निजी अस्पताल नागरिकों का दोहन न कर सकें, इसके लिए ठोस कदम उठाते हुए, कड़े निर्णय लिए जाएं. राज्य की राजधानी सहित विभिन्न जिलों में सरकारी भवनों का उपयोग आइसोलेशन सेंटर के रूप में किया जाए. खेलगांव में बने आइसोलेशन सेंटर में सिर्फ बेड लगा दिए गए हैं, वहां तत्काल ऑक्सिजन, वेंटिलेटर सहित अन्य पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई जाए. इसके अलावा रांची के सदर अस्पताल, रिम्स, गांधीनगर स्थित सीसीएल का अस्पताल सहित विभिन्न प्रखंड व जिला मुख्यालय के अस्पतालों को तत्काल दुरुस्त करने की आवश्यकता है ताकि कोरोना संक्रमण से पीड़ित नागरिकों का समुचित इलाज इन स्थानों पर हो सके. पत्र में सेठ ने कहा है कि मेरा मानना है कि इस मुद्दे पर बिना किसी राजनैतिक बात किए कड़ा निर्णय लेने की आवश्यकता है.
कोरोना संक्रमण, इसके रोकथाम व समुचित इलाज की दिशा में पहल करने की आवश्यकता है. इस मामले में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए हम सब आपके साथ हैं. सेठ ने कहा है कि राजधानी रांची की भयावह होती स्थिति को देखते हुए कुछ और कड़े निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है ताकि हमारे नागरिक सुरक्षित रह सकें. मुझे विश्वास है कि राज्य के मुखिया होने के नाते इस गंभीर स्थिति पर हेमंत सोरेन अवश्य कोई ठोस निर्णय लेंगे.
गौरी रानी की रिपोर्ट