PATNA: अभी-अभी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल का प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मीडिया से बातचीत की और कहा कि विगत पांच दिन पहले अग्निपथ योजना लागू की गई और उसमे 4 वर्षो के लिए सेना में कार्य कर सकते हैं और जो 25% अच्छे होंगे उन्हें रेगुलर आर्मी में लिया जाएगा। लेकिन इस योजना के बारे में खास एजेंडा के तहत विपक्ष ने योजना के तहत दंगे भड़काए जा रहे हैं।
अगर आपको इस योजना से समस्या है तो एक मेमोरेंडम बना कर जनप्रतिनिधियों को दे सकते थे। जिलाधिकारी को दे सकते थे। आपने धरना प्रदर्शन का रास्ता चुना। भारत में पहले से ये चर्चा की जा रही थी की सभी भारतीयों को सेना की ट्रेनिंग दी जाए। जिसके तहत 4 वर्षो के लिए सेना में भर्ती योजना लाई गई। ये योजना बनाई गई ताकि 35 वर्ष से कम उम्र के युवा का रिजर्व सेना बनाया जा सके। देश को जब भी इन रिजर्व सेना की आवश्यकता हो तो इनसे सेवा ली जा सके। अग्निपथ योजना के तहत राहुल गांधी पर बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा की जिसे एनसीसी के बारे में जानकारी नहीं है उन्हे अग्निपथ योजना की क्या जानकारी होगी।
एक बड़ी साजिश के तहत विपक्ष के साथ-साथ हमारे सहयोगी पार्टी प्रशासन के द्वारा पूरे बिहार को जलवा रहे हैं। साथ ही बिहार में ही सिर्फ बीजेपी कार्यालयों को आग लगवाया जा रहा है। बीजेपी नेताओं और उनके परिवार को निशाना बनाना गलत है।
प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए कहा की पुलिस प्रशासन की कार्य स्थिति बहुत दयनीय रही। ये लोग चाहते तो प्रदर्शनकारियों को रोक सकते थे लेकिन ये लोग अपने नजरो के सामने सरकारी संपत्ति का नुकसान होते देखते रहे। बीजेपी कार्यालयों में आग लगाते रहे।
अपने गंठबंधन के पार्टियो के लिए कहा कि अगर उन्हें इस योजना से कोई समस्या है तो आप आए और बात करे। हम आपकी परेशानी दूर करेंगे। 4 वर्ष के आर्मी ट्रेनिंग के बाद युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर खुल जायेंगे। प्रशासन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा की बीजेपी को जान बूझकर टारगेट किया गया। बीजेपी कार्यालयों में आग लगाए जाने पर बीजेपी बिहार प्रदेशध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन को सफाई देना होगा की आखिर बिहार में ही क्यों बीजेपी कार्यालयों में आग लगाई जा रही है।
ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा द्वारा अग्निपथ योजना का विरोध करने पर बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि विरोध करना सबका हक है। परंतु बीजेपी नेताओं पर व्यक्तिगत हमला पुलिस प्रशासन से करवाना कितना सही है।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट