रांची : रूपा तिर्की मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है. फैसले का इंतजार बाकी है. साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की के संदेहास्पद मौत के मामले में उनके पिता द्वारा मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका के सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता द्वारा अदालत से सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा मामले की सीबीआई जांच 200 फीसदी होने का दावा करने संबंधी जानकारी अदालत को दी गई थी. उस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के द्वारा महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता पर अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाते हुए उन पर अवमाननावाद याचिका चलाने के लिए आइए याचिका दायर की है. उसी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता की ओर से अदालत में पक्ष रखा.
उन्होंने कहा कि यह मामले में अवमाननावाद याचिका चलाने योग्य नहीं है, उन्होंने कहा कि, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जो मामले की सुनवाई के दौरान कहा की मामले की सीबीआई जांच जिसके लिए इस याचिका में पेश किया गया है वह 200 फीसदी होगा ही, यह शॉकिंग था, प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा कही गई बातें महाधिवक्ता ने अदालत को बताई. उन्होंने तो सिर्फ जानकारी दी यह अवमानना नहीं होता है, उन्होंने अदालत पर किसी भी प्रकार का दोषारोपण नहीं लगाया है. इसके अलावा अवमाननावाद एकल पीठ में नहीं सिर्फ युगल पीठ में ही सुनवाई योग्य है. उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि, अवमानना के लिए दायर की गई आइए को निरस्त कर दिया जाए. अधिवक्ता के पक्ष सुनने के उपरांत अदालत ने मामले में निर्णय लेने की बात कही है. इसके अलावे रूपा तिर्की की संदेहास्पद मौत के सीबीआई जांच के लिए किए गए प्रार्थना पर भी सुनवाई पूरी कर ली है. कल देखना अहम होगा कि, अदालत क्या फैसला सुनाती है.
बता दें कि साहबगंज थाना प्रभारी रूपा तिर्की ने आत्महत्या की थी, लेकिन उनके पिता ने उसे संदेहास्पद मौत की बात कहते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के ऑडियो खुले रहने और मामले की सुनवाई लगभग समाप्त हो जाने के बाद याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा उनके पास बैठे हुए लोगों को यह बताया जा रहा था कि, मामले की सीबीआई को जांच 200 फीसदी दिया जाएगा.
महाधिवक्ता के द्वारा यह सुनने के बाद मामले की सुनवाई के दूसरे दिन महाधिवक्ता ने अदालत को यह बताया कि, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई के लगभग उपरांत यह बता रहे थे कि, इस मामले की 200 फीसदी जांच सीबीआई को जाना है जिस पर अदालत ने महाधिवक्ता को यह लिखित रूप में पेश करने को कहा. महाधिवक्ता ने कहा कि मौखिक रूप से जो हम कह रहे हैं उसे ही मान लिया जाए, जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मामले की सुनवाई से संबंधित सभी बाद मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया. मुख्य न्यायाधीश ने फिर से उन्हें सुनवाई के लिए आदेश दिया.
उसी मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता पर अदालत की अवमानना करने को लेकर उन पर आपराधिक अवमाननाबाद चलाए जाने के लिए आवेदन दिया. उसी बिंदु पर अदालत में सुनवाई हुई. प्रार्थी की ओर से पक्ष रखकर कहा गया कि, हमने किसी भी प्रकार की कोई अवमानना नहीं किया है. इसलिए यह आइए याचिका मेंटेनेबल नहीं है. प्रार्थी की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस पर कल निर्णय लेने की बात कही. याचिका के मुख्य प्रार्थना बिंदु पर आगे सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों की दलील सुन लिया सुनवाई की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. कल फिर मामले पर सुनवाई होगी. देखना होगा कि, कल अदालत का फैसला सुनाती है या फिर फैसले को सुरक्षित रखा जाता है.
गौरी रानी की रिपोर्ट