कोरोना संकट के बीच विपक्ष सरकार पर हमला करने का कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने 10 मई को राज्य भर में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है.
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जी ने शुक्रवार को अपने पैतृक जिले वैशाली से फेसबुक लाइव के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार कोरोना जैसी महामारी से निपटने में नाकाम साबित हो रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का हाल इतना बुरा है जहां सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. इस बदहाली का सच उजागर करने वाले मीडिया के लोगों पर पाबंदी लगाकर राज्य सरकार ने विचित्र निर्णय लिया है.
बिहार सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर मीडिया के लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया है।ऐसा निर्णय सीधा लोकतंत्र पर हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. ऐसे निर्णय की जितनी निंदा की जाए कम है.
कुशवाहा ने बिहार सरकार के सामने जो प्रमुख मांगें एव सुझाव रखा है उनमें
1.बिहार से बाहर फंसें मजदूरों,जो घर वापसी चाहते हैं, को बुलाने की त्वरित कार्रवाई की जाए तथा जो स्वेच्छा से वहां ही रुकना चाहें,उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाये जितनी उनको ट्रेन से लाने, क्वारिनटीन करने आदि पर खर्च हो जाता है।यह ख़र्च सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कम से कम 10000/- का होता है।अर्थात प्रति व्यक्ति 10000/-की राशि सभी के खाते में डालने की व्यवस्था की जाए।
2.बिहार में रह रहे वैसे लोग ,जिनके खाते में अबतक मात्र 1000/-दिया गया है, उन्हें दूसरी क़िस्त की राशि भी शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध करवाई जाए।
3.राज्य में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु ठोस योजना बनाई जाए।
4.किसानों के नुकसान की भरपाई हेतु ठोस ,पर्याप्त एवम त्वरित कार्रवाई की जाए।
5.क्वरेंटीन सेंटर से खबर संग्रहित करने से मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने के लोकतंत्र विरोधी आदेश को अविलंब वापिस किया जाये।
वहीं मीडिया कर्मियों पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ दिनांक 10 मई को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक राज्य व्यापी काला दिवस मनाने की घोषणा की गई है. उस दिन पार्टी के कार्यकर्ता नेता सभी मुंह पर काला पट्टी बांध कर बैनर/बोर्ड के साथ धरना सत्याग्रह पर बैठेंगे.
कुशवाहा ने आम जनों से यह आग्रह किया कि लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए ताकि इस महामारी के संक्रमण को रोक पाना संभव हो. कोरोना संक्रमण के मामलों में पूरे देश में तेजी से वृद्धि हो रही है और लोगों की सजगता इससे बचाव के लिए जरूरी है.