द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार चुनाव नजदीक है और इस बीच पार्टियों में उलटफेर का काम लगातार जारी है. राजद के एक प्रत्याशी ने जाप का दामन क्या थाम. इसके तुरंत बाद राम विलास पासवान के करीबी और लोजपा के ख़ास आरके चौधरी ने राजद का दामन थाम लिया है. आरके चौधरी के राजद में चले जाने से एलजेपी को एक बार फिर झटका लगा है. वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद गणेश भारती नोनिया भी राजद में शामिल हो गए हैं.
आपको बता दें कि दरभंगा जिले के बहादुरपुर सीट से लोजपा और राम विलास पासवान के करीबी रहे आरके चौधरी ने एलजेपी का दामन छोड़कर आरजेडी का हाथ थाम लिया है. लोजपा से अलग होने पर आरके चौधरी ने कहा कि मैंने जिस लोजपा को जी जान से आगे बढ़ाया, लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान, रामचंद्र पासवान के साथ कदम से कदम मिला कर चला, घर के हर सुख-दुख में साथ रहा. उसी लोजपा ने मुझे रामविलास पासवान की मौत के बाद बेटिकट कर बाहर का रास्ता दिखा दिया. जबकि चिराग दूसरे दलों के लोगों को बुला-बुलाकर टिकट दे रहे हैं.
आरके चौधरी ने आगे कहा कि राजद ने मुझे वो इज्जत दी है, भोला यादव से मेरी इस बारे में बातचीत हुई थी. उन्होंने मुझे तेजस्वी यादव से मिलाया, जिन्होंने मेरी कद्र समझी और मुझे बहादुरपुर से राजद का उम्मीदवार बनाने का काम किया. अब मेरे द्वारा हायाघाट में किया गया काम भोला यादव जी के काम आएगा और बहादुरपुर में भोला यादव जी का किया काम मेरे काम आएगा. वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद गणेश भारती नोनिया अतिपिछड़ा वर्ग के पूर्ण समर्थन और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के संकल्प के साथ राजद में सम्मिलित हुए.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट