द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद सत्ता से दूर रह गए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को लेकर 23 मार्च यानी आज विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था. राजद ने इसके लिए पटना प्रशासन से मंजूरी मांगी थी. तेजस्वी यादव के विधानसभा घेराव कार्यक्रम को पटना प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी है.
राजद ने विधानसभा घेराव का ऐलान कर रखा है और प्रशासन से अनुमति मिली नहीं. राजद नेता तेजस्वी यादव ने पटना प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दिए जाने के बाद ट्वीट करते हुए सरकार पर हमला बोला. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है… देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है…. वक्त आने दे दिखा देंगे तुझे ए आसमां… हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है.

पटना प्रशासन ने पटना हाईकोर्ट के साल 2015 के आदेश का हवाला देते हुए राजद को विधानसभा घेराव की अनुमति देने से इनकार कर दिया. पटना हाईकोर्ट ने साल 2015 में शहर में धरना प्रदर्शन को लेकर आदेश जारी किया था और तब गर्दनीबाग इलाके को धरना प्रदर्शन स्थल के रूप पर चिह्नित किया गया था. पटना हाईकोर्ट के इसी आदेश का हवाला देते हुए सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से जारी पत्र में राजद को विधानसभा के घेराव की अनुमति नहीं दी गई है.
राजद ने आरोप लगाया है कि इस कार्यक्रम के लिए पार्टी ने कई दिन पहले जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी, इसके बावजूद भी उन्हें अनुमति नहीं मिली है. तेजस्वी यादव का ट्वीट इस बात का संकेत माना जा रहा है कि भले ही प्रशासन ने अनुमति न दी हो, राजद विधानसभा का घेराव करेगी. तय कार्यक्रम के मुताबिक दिन में 11 बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद के नेता और कार्यकर्ता पटना के जेपी गोलंबर से पैदल मार्च करते हुए विधानसभा तक जाएंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे. राजद ने दावा किया है कि उनके इस कार्यक्रम में 50 हजार से अधिक लोग शामिल होंगे जिसमें बेरोजगारों की संख्या सबसे ज्यादा होगी.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट