द एचडी न्यूज डेस्क : पटना के महावीर कैंसर संस्थान में आए दो महिला और एक पुरुष की स्क्रीनिंग के दौरान लिए गए सैंपल को पटना एम्स में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट देने के बाद महावीर कैंसर संस्थान में हड़कंप मच गया. महावीर कैंसर संस्थान को सोमवार से अब तीन जून तक बंद कर दिया गया है. अब संस्थान को चार जून को खोला जायेगा. संस्थान बंद रहने की अवधि में पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया जायेगा ताकि संस्थान में भर्ती दूसरे मरीजों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों व कर्मचारियों को कोरोना के खतरे से बचाया जा सके.
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए ही महावीर कैंसर संस्थान में भर्ती होने वाले मरीजों को पहले स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा था ताकि बाहर से भर्ती होने आने वाले मरीजों को भर्ती कराने से पहले ही पता लगाया जा सके की किसी मरीज को कोरोना है या नहीं. इसके लिए ही नए मरीज के परिजनों को संस्थान में पहले उनका स्क्रीनिंग करना पड़ता है.
इस दौरान चार दिन पहले संस्थान में भर्ती होने आये भागलपुर 84 साल की महिला मरीज और मुजफ्फरपुर की 39 साल की महिला मरीज सहित एक सारण जिले के पुरुष मरीज का कोरोना जांच रिपोर्ट सोमवार को पॉजिटिव आने के बाद संस्थान में नए मरीजो की भर्ती करने और अन्य आकस्मिक व ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद कर दिया गया है. संस्थान में भर्ती होने आने वाले नए मरीजो को करीब चार से पांच काउंटरों से होकर गुजरना पड़ता है. जिस दौरान मरीज के साथ आये उनके परिजनों को कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ा होगा. कोरोना मरीजों के परिजन संस्थान में कई कर्मियों से मिले होंगे.
महावीर कैंसर संस्थान में कई लोगों को कोरोना होने का संदेह बढ़ा दिया है. इन सब की सीसीटीवी फुटेज को देखा जा रहा है की भर्ती होने आS 29 मरीजों में जिन दो महिला और एक पुरुष मरीज का कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आया है उनसे कौन कौन लोगों का सम्पर्क हुआ है.
संस्थान अधीक्षक डॉ. एलबी सिंह ने बताया की संस्थान में कैंसर का इलाज करा रहे अन्य मरीज कोरोना से संक्रमित नहीं हो, इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सोमवार की दोपहर से तीन जून 2020 के रात्रि तक ओपीडी एवं आकस्मिक सेवा बंद रहेगी. अस्पताल चार जून को खुलेगी. भर्ती मरीजों की देखभाल पूर्ववत होती रहेगी. मरीजों की परेषानी के लिये हमें खेद है.
उन्होंने बताया की संस्थान में भर्ती होने वाले नए जो भी मरीज आते हैं उनका स्क्रीनिंग किया जाता है. फिर उसके बाद उनके जांच सैम्पल को एम्स भेजा जाता है. इस दौरान जबतक पटना एम्स से उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती है उन मरीजों को संस्थान में नहीं रहने दिया जाता है बल्कि उन्हें अपने घर चले जाने को कहा जाता है. जिस मरीज की जांच रिपोर्ट एम्स से निगेटिव आती है उन्हें ही महावीर कैंसर संस्थान में भर्ती करने के लिए बुलाया जाता है. अभी ये तीनों मरीज संस्थान में भर्ती नहीं हैं.
संस्थान अधीक्षक डॉ. एलबी सिंह ने बताया कि कैंसर के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है. उसमें किसी भी संक्रमण का काफी डर रहता है. अभी बिहार में कोरोना से मरने वालों में कैंसर से पीड़ित अधिक मरीज थे. महावीर कैंसर संस्थान में कोरोना महामारी के संकट में हमलोगों ने कोविड-19 जांच की व्यवस्था पिछले 15 दिनों से किए हैं.