RANCHI: झारखंड हाई कोर्ट से रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी को राहत मिली है। जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत ने ममता देवी को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। फिलहाल ममता देवी को हजारीबाग केस में नियमित जमानत मिली है। वहीं, रामगढ़ के मामले में अगली सुनवाई के लिए 31 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। ममता देवी को दो मामलों में सजा मिली है। फिलहाल ममता देवी अभी जेल से बाहर नहीं आएंगी।
बता दें कि ममता देवी को रामगढ़ और हजारीबाग की निचली अदालतों ने दो अलग-अलग मामले में सजा सुनाई है। रामगढ़ कोर्ट ने एक मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। हजारीबाग की अदालत ने ममता देवी को दो साल की सजा सुनाई थी। ममता देवी की ओर से दोनों सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई है और जमानत देने की गुहार लगाई गई है।
कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती
मालूम हो कि गोला गोलीकांड के दो अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई है। इनमें से एक 13 दिसंबर, 2022 में पांच साल की सजा मिली थी और 4 जनवरी, 2023 को हजारीबाग की विशेष अदालत ने ममता देवी व भाजपा नेता राजीव जायसवाल को दो-दो साल की सजा दी थी और उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए ममता ने हाई कोर्ट में अपील की थी।
क्या था मामला
गौरतलब है कि 20 अगस्त, 2016 को रामगढ़ के गोला थाना क्षेत्र में स्थित आईपीएल फैक्ट्री में विस्थापित रैयतों ने 16 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया था। आंदोलन को भाजपा नेता राजीव कुमार ने धार दी थी और रामगढ़ विधायक ममता देवी ने इसका नेतृत्व किया था। उस वक्त वह गोला क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य थीं।
कंपनी को बंद कराने को लेकर 150-200 की संख्या में ग्रामीण कंपनी के बाहर धरना दे रहे थे और इसी दौरान ग्रामीण उग्र हो गए और पुलिस को अपनी आत्मरक्षा और बचाव में फायरिंग करनी पड़ी थी। इस घटना में कई लोगों की मौत होने के साथ करीब 24 लोग घायल हुए थे। इस मामले में ममता देवी को दोषी ठहराया गया था।
रांची से गौरी रानी की रिपोर्ट