रांची : झारखंड में सत्तारूढ़ दल झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रम ने रविवार को अपनी घोषणा के मुताबिक, बोरियो में रैली कर अपनी ही सरकार की नीतियों की आलोचना की. 1932 के खतियान के आधार पर राज्य की स्थानीय नीति बनाने की मांग को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर हैं. पार्टी नेताओं की अनिच्छा, मनाही और प्रशासन की रोक के बावजूद लोबिन ने यह रैली की.
उधर, लोबिन की रैली के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व पर निगाहें टिक गई हैं. माना जा रहा है कि अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी की ओर से विधायक सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. एक दिन पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी ने भी कहा था कि पार्टी को दोनों पर कार्रवाई करनी चाहिए. दोनों विधायक लगातार अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. सीता सोरेन ने एक कदम आगे बढ़कर राज्यपाल से सरकार की शिकायत की है, वहीं लोबिन हेंब्रम पार्टी लाइन से इतर जाकर समानांतर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं.
लोबिन ने पार्टी से नहीं ली रैली की इजाजत
लोबिन ने बोरियो में स्थानीयता के मुद्दे पर रैली करने के लिए झामुमो से इजाजत नहीं ली है. पार्टी के कई नोताओं ने भी स्पष्ट कहा है कि यह लोबिन का निजी कार्यक्रम है. साहिबगंज जिला कमेटी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए निर्देश भी जारी किया कि वह इस रैली में शामिल न हों. उधर साहिबगंज जिला प्रशासन ने कोरोना की गाइडलाइन का हवाला देकर रैली के आयोजन पर पर रोक लगा दी थी, लेकिन लोबिन अंत तक रैली व सभा पर अड़े रहे.
सीता अब भी मुखर
उधर, पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भी अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हैं. अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर परोक्ष रूप से उन्होंने कई बार हमला बोला है. इस बार भी राज्यपाल से कहा है कि उनके द्वारा की गई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सरकार कार्रवाई नहीं कर रही. हालांकि पार्टी के भीतर-बाहर उनको समर्थन नहीं मिल रहा है. शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन फिलहाल राज्य के बाहर हैं. सोमवार को वापस लौटने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता उन्हें मामले की जानकारी देंगे. सीता सोरेन ने इंटरनेट मीडिया के जरिये अभी भी सरकार पर हमला बोलने की मुहिम जारी रखी है. उन्होंने राज्य की राष्ट्रीय स्तर पर विकास के विभिन्न पैमानों का हवाला देते हुए तंज कसा है कि झारखंड इसमें निचले पायदान पर है.
कदम पीछे खींचने के नहीं आसार
झामुमो में भीतर-बाहर मचे उथल-पुथल के बीच अब सीता सोरेन द्वारा कदम पीछे खींचने के आसार कम दिख रहे हैं. अब उनकी योजना दुर्गा सोरेन सेना को विस्तारित करने की है. इसका गठन उन्होंने पिछले वर्ष विजयादशमी के दिन दोनों पुत्रियों को आगे कर किया था. जानकारी के मुताबिक छह अप्रैल को सेना के विस्तार के संबंध में निर्णय होगा. सेना की जिला स्तर की कमेटियों का गठन करने की योजना है. इस संबंध में वह अपने करीबी लोगों संग मंत्रणा कर रही हैं.
लोबिन बोले, कार्रवाई की परवाह नहीं
बोरियो के शिबू सोरेन डिग्री कालेज के स्टेडियम में आयोजित सभा में विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि झामुमो ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय व नियोजन नीति बनाने का वायदा किया था. यह वायदा हर हाल में पूरा करना होगा. झामुमो उन्हें पार्टी से निकालती है तो निकाल दे. उन्हें इसकी कोई ङ्क्षचता नहीं है. झामुमो उन्हें माटी से नहीं निकाल सकती है. वे यहां के लोगों के हक के लिए लड़ते रहेंगे. यहां के लोगों ने उन्हें निर्दल भी विधानसभा भेजा था. इसलिए आगे की कोई चिंता नहीं है.
गौरी रानी की रिपोर्ट