PATNA: बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने राजीव नगर और नेपाली नगर में पटना जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण अभियान में 70 मकानों को गिराने की कार्रवाई को अवैध बताते हुए कहा है कि निर्माण कार्य एक दिन में होते नहीं है और जब इन मकानों में बिजली, पानी और गलियों में सरकारी सड़कों का निर्माण हुआ है तो यह अवैध निर्माण की श्रेणी में कैसे आ गयी? साथ ही उन्होंने बिहार सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा यदि ये कॉलोनी बसाए गए थे तो तत्कालीन नगर आयुक्त, सीओ और क्षेत्रीय विधायक व नगर विकास मंत्री तक को इसकी खबर होगी क्योंकि इस क्षेत्र में कई सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारियों और व्यवसायियों का घर है, ऐसे में यह किसके शह पर निर्माण कार्य हुआ है इसकी पड़ताल भी आवश्यक है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने सवाल उठाया कि दीघा थाना नंबर -01 का 1024.52 एकड़ भूभाग का एक भी पैसा किसी भी किसान को मुआवज़ा के रुप में सरकार द्वारा नहीं दिया गया है। जब बिहार राज्य आवास बोर्ड का दीघा थाना नंबर -01 के 1024.52 एकड़ भूभाग कोई दखल कब्जा नहीं है तो किस आधार पर सरकार इसे अपनी जमीन कह कर उस इलाके के निर्माण को अवैध बता रही है क्योंकि काँग्रेस सरकार द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बिहार सरकार द्वारा 1 जनवरी 2014 से लागू होने के धारा 24 (2) के आलोक में दीघा थाना नंबर -01 1024.52 एकड़ स्वत: निरस्त हो जाता है।
उन्होंने इस मामले में भाजपा के क्षेत्रीय विधायक और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह भाजपा की आम लोगों और खासकर एक विशेष जाति के लोगों पर दमनात्मक कार्रवाई है और इस जमीन को भू-माफियाओं को देने के लिए यह सब कार्रवाई सरकार द्वारा अतिक्रमण के नाम पर की जा रही है। मुख्यमंत्री को इस मामले में चुप्पी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पुलिसिया कार्रवाई में दो लोगों की हत्या हो गयी और मुख्यमंत्री मौन धारण किये हैं जैसे इस निर्माण में 17 सालों से काबिज सरकार के अधिकारियों की कोई जवाबदेही ही न हो। कांग्रेस पार्टी इस अवैध कार्रवाई से प्रभावित लोगों के पुनर्स्थापन की मांग करती है।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट