PATNA: शिक्षा किसी भी राष्ट्र का बुनियाद है और बिहार में इस बुनियाद पर खतरे का बादल मंडरा रहा है। प्राथमिक स्तर से लेकर उच्चस्तरीय शिक्षा का बुरा हाल है। ऐसे में पढ़े लिखें युवाओं को राजनीति में आना ही पड़ेगा। इसी सोच के साथ राजनीति में आए जहानाबाद के मनियामा के रहने वाले ऋतुराज कुमार। राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं। ऋतुराज पेशे से सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। अच्छी जीवनशैली और बढ़िया कमाई छोड़ कर बिहार की दुर्दशा को देख कर, बेपटरी हो चुके व्यवस्था को ठीक करने में अपना योगदान देने अपने धरती पर आ गए।
शुरुआत पटना स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव लड़ने के साथ किया क्योंकि आज के समय में उच्च स्तर की शिक्षा, शिक्षक, छात्रों का हाल दयनीय है। इसलिए उनके आवाज़ को बुलन्दी देने के लिए उन्होंने यह मार्ग चुना। हालांकि पहला चुनावी सफ़र था इसलिए जीत तो नहीं मिली लेकिन बावजूद इसके समाज के प्रति ऋतुराज और ज्यादा सक्रिय हो गए। लोगों के बीच जाना, उनकी समस्याओं को सुनना इनके दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। हर रोज सैकड़ो किलोमीटर का फासला तय कर खुद आमजन से मिलने जाते है।
ऋतुराज कुमार की पृष्ठभूमि
ऋतुराज कुमार का जन्म 15:12:1988 कुर्जी पटना में हुआ। इनका पैतृक गाँव मनियामा है जो की जहानाबाद जिला अंतर्गत आता है। बेसिक शिक्षा लेने के बाद इन्होंने अपनी वकालत की पढ़ाई सिम्बायोसिस लॉ कॉलेज पुणे से पूरी की और बतौर वकील सुप्रीम कोर्ट से जुड़े भी है।
ज्ञात हो की ऋतुराज कुमार मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आते है इनके बाबा बृजनंदन शर्मा बिहार के प्रख्यात शिक्षक नेता है और इनके पिता जहानाबाद के पूर्व सांसद और वर्तमान में लोजपा (रा.) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण कुमार है इसके अलावा इनके ससुर भी पूर्व सांसद गिरिडीह सह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी झारखंड रहे है। ऋतुराज पूर्व में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और 2022 के शुरुआत से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से जुड़ कर अपना राजनीतिक पारी खेल रहे है।
ऋतुराज कुमार अपना राजनीतिक आदर्श अपने बाबा बृजनंदन शर्मा और पिता डॉ अरुण कुमार को मानते जरूर हैं लेकिन खुद के सहारे से राजनीति में अपना पहचान बना रहे है। वह कहते हैं संघर्ष हमारे खून में है। इसलिए हमने संघर्ष के रास्ता को चुना है। जनसेवा हमारा धर्म है बिहार के लोगों के हक की लड़ाई जारी रहेगी।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट