Patna: राजधानी पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में शनिवार को जोरदार विरोध किया गया। यह विरोध इस बात को लेकर हुआ कि जो भी प्री-पारा क्लीनिकल सब्जेक्ट हैं जैसे- एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फार्मोकोलॉजी बायो केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी इन विषयों को पढ़ाने वाले शिक्षक एमबीबीएस और एमडी होने चाहिए ना कि एमएससी और पीएचडी वाले। डॉक्टरों की मांग है कि प्री पैराक्लिनिकल सब्जेक्ट मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट्स ही बेहतर पढ़ा पाएंगे।
एनएमसी बोर्ड ने कहा है कि केवल 15% फैकल्टी non-medical पोस्ट ग्रेजुएट होने चाहिए। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट इतने ज्यादा संख्या में है तो फिर नॉन मेडिकल ग्रेजुएट को रखने की जरूरत क्यों पड़ गई।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट