नई दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में हुए हंगामे को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जंग जारी है. गुरुवार को पहले विपक्ष ने मार्च निकालकर सरकार पर निशाना साधा और अब सरकार की ओर से पलटवार किया जा रहा है. गुरुवार दोपहर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल, वी. मुरलीधरन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान सड़क से संसद तक विपक्ष ने अराजकता फैला रखी है. पूरे विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए.
संसदीय कार्यमंत्री ने विपक्ष पर साधा निशाना
केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने आरोप लगाया कि विपक्ष पहले से ही सत्र को बर्बाद करने की कोशिश में जुटा था. हमने विपक्ष से चर्चा करने के लिए अपील की थी, मंत्रियों का परिचय करवाने के लिए भी शांति रखने की अपील की थी. सरकार की ओर से महंगाई, कोरोना संकट, कृषि मसलों पर चर्चा के लिए मंजूरी दी गई थी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 तक यूपीए के कार्यकाल के दौरान कई ऐसे बिल थे जो बिना किसी चर्चा के पास किए गए. विपक्ष की ओर से झूठा आरोप लगाया गया है कि सरकार चर्चा नहीं कर रही है. जब कुछ सांसदों को सस्पेंड किया गया, तब कुछ सांसदों ने शीशा तोड़कर सदन में घुसने की कोशिश की. सरकार ने सोमवार तक सदन चलाने की बात स्वीकार की थी.
पीयूष गोयल ने विपक्ष पर साधा निशाना
राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विपक्ष पर तीखा वार किया. पीयूष गोयल ने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष का व्यवहार पूरे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है. विपक्ष किसी भी तरीके से सदन को नहीं चलाने देना चाहता था. पीयूष गोयल ने कहा कि नौ अगस्त को विपक्ष द्वारा हंगामा किया गया, रूल बुक को चेयर की ओर फेंका गया. पीयूष गोयल ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता की ओर से चेयर पर कातिलाना हमला किया गया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष के सांसदों द्वारा महिला मार्शल के साथ धक्का-मुक्की की गई.