द एचडी न्यूज डेस्क : राजधानी पटना के पुलिस मुख्यालय स्थित सरदार पटेल भवन में आज बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक बिल को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया गया. ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसीएस गृह, डीजीपी संजीव कुमार सिंघल और डीजी (बीएमबी) शामिल थे.
आपको बता दें कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 बिहार विधानमंडल (विधानसभा-विधानपरिषद) के बजट सत्र के दोनों सदनों में पास हो गया है. दोनों सदनों से पास हुआ यह पहला विधेयक है, जिसे पुलिस के पहरे में पास कराया गया है. इससे पहले जो भी विधेयक विधानसभा से पास हुए वो सत्ता और विपक्ष की सहमति या उनके नोक-झोंक के बीच पास हुए. लेकिन, 23 मार्च को विधानसभा से जो बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक पास हुआ वो पुलिस पहरे में पास कराया गया. लेकन इसी बीच लोगों के दिमाग में ये सवाल उठाना तो लाजमी है कि बिहार में आखिर विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक की जरूरत क्यों पड़ी? इसे बिल के पारित होने से पुलिस को कितनी शक्तियां मिलेगी.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा गया कि अधिनियम का उद्देश्य बिहार सैन्य पुलिस को सीआईएसएफ की तर्ज पर एक बहुदलीय सुरक्षा बल में बदलना है. पटना में आगामी मेट्रो परियोजना सहित विकसित बुनियादी ढांचे की रक्षा करने की आवश्यकता पर विस्तार से बताया. ऐसे उदाहरण दिए गए हैं जिनमें त्वरित गिरफ्तारी मानव जीवन को बचा सकती है. उसी कारण से बंद वारंट की आवश्यकता है. बिहार को राज्य में सीएपीएफ इकाइयों की संख्या को बढ़ाना पड़ा. 2007 में किए गए बदलाव पुलिस स्टेशनों को अपग्रेड करने के इच्छुक थे. 2021 में एक ने बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में अपनी भूमिका की आकांक्षा की.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट