पटना ब्यूरो
पटना: लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फसें स्टूडेंट्स, श्रमिकों और टूरिस्टों को विशेष ट्रेन से बिहार के विभिन्न स्टेशनों पर पहुंचने के बाद रेलवे स्टेशन से उनके गंतव्य तक छोड़ने के लिए परिवहन विभाग की ओर से पर्याप्त बस की व्यवस्था की गई है। सोमवार को केरल (एर्नाकुलम) और तिरुर स्पेशल ट्रेन से बिहार के करीब 2310 श्रमिक दानापुर स्टेशन पंहुचेगें। दानापुर स्टेशन पर उतरने पर सभी लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग करने के बाद विशेष बस से विभिन्न जिलों में भेजा जाएगा। हर जिलों के लिए अलग अलग बस की व्यवस्था की गई है।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि एर्नाकुलम और तिरूर (केरल) से आने वाले यात्रियों के लिए दानापुर स्टेशन के पास लगभग 100 बस की व्यवस्था की गई है। अररिया के लिए 19 बस, नवादा के लिए 10, कटिहार के लिए आठ, मधुबनी और सारण के लिए 6-6, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर के लिए 5-5, वैशाली, पश्चिमी चंपारण, बेगुसराय और जमुई के लिए 4-4 बस और अन्य जिलों के लिए यात्रियों की संख्या के अनुसार 2-1 बसों की व्यवस्था की गई है। राजस्थान (कोटा) से दो स्पेशल ट्रेन सोमवार को बरौनी स्टेशन और गया जंक्शन पहुंचेगी। इन स्टेशनों पर छात्रों के उतरने के बाद मेडिकल स्क्रीनिंग कर सभी को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए बरौनी स्टेशन पर लगभग 70 और गया जंक्शन पर 50 बस का इंतज़ाम किया गया है। बरौनी स्टेशन (बेगूसराय जिला) पर लगभग 70 बस की व्यवस्था की गई है। यहां 1479 स्टूडेंट्स उतरने वाले हैं। यहां से बांका के लिए चार, भागलपुर के लिए 14, बेगूसराय के लिए 16, जमुई के लिए पांच, खगड़िया के लिए नौ, लखीसराय के लिए पांच, मुंगेर के लिए पांच और शेखपुरा के लिए तीन बसें खुलेंगी।
इसी तरह गया जंक्शन पर लगभग 50 बस की व्यवस्था की गई है। यहां 1083 स्टूडेंट्स के उतरने की संभावना है। यहां से अरवल के लिए दो, औरंगाबाद के लिए 12, गया के लिए 16, जहानाबाद के लिए चार और नवादा के लिए 12 बसें खुलेंगी।मजदूरों एवं अन्य लोगों को डेडिकेटेड वाहन द्वारा गृह जिला पहुंचाए जाने एवं सुरक्षित परिवहन हेतु प्रोटोकॉल होगा जिसके तहत जिस स्थान/जिले में ट्रेन से मजदूर तथा अन्य लोग आएंगे, उक्त स्थान जिले हेतु संबंधित जिलों के द्वारा बसों को अपने जिले के लोगों को लाने हेतु भेजा जाएगा। सभी जिलों के द्वारा अपने जिला के वाहन कोषांग में पर्याप्त संख्या में बस न्यूनतम 30 बस बड़े जिले के लिए व्यवस्था रखी जाएगी तथा सूचना प्राप्त होते ही उक्त स्थान/ जिले जहां ट्रेन का ठहराव होगा, से मजदूर तथा अन्य लोगों को गृह जिला लाने हेतु वाहन उपलब्ध कराया जाएगा।रेलवे स्टेशन से मेडिकल स्क्रीनिंग कर लोगों को सीधे जिले तक पहुंचाया जाएगा। गृह जिला में लोगों को उतारने के बाद खाली बस वाहन कोषांग में रहेगी। गृह जिला द्वारा लोगों को संबंधित प्रखंड के कोरेंटाइन सेंटर पर वाहनों से पहुंचाया जाएगा। सभी जिलों के वाहन कोषांग प्रभारी अपने जिले से चलने वाली बसों को सैनिटाइज करते हुए स्कॉट की सहायता से रेलवे स्टेशन वाले जिले के वाहन कोषांग प्रभारी को रिपोर्ट करेंगे तथा अपने जिले के प्रवासी मजदूरों एवं अन्य लोगों को गृह जिले तक लाए जाने की प्रक्रिया का अनुसरण करेंगे।