बिहार चुनाव से ठीक पहले बिहार की सियासी गलियारे से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रशांत किशोर ने बिहार से अपनी दुकानदारी समेट ली है। प्रशांत किशोर के दफ्तर में ताला गया है और सारे स्टाफ को दूसरे जगहों पर शिफ्ट करने का दिलासा दिया गया है।
‘बात बिहार की’ कार्यक्रम से अगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की घोषणा करने वाले प्रशांत किशोर ने सूबे में अपना कार्यालय तक बंद कर लिया है. ऐसे में उनकी चुनावी और सामाजिक मंशा पर अब सवाल उठने लगे हैं।
बतादें कि पटना के एग्जीबिशन रोड में जहां लंबे समय से कार्यालय चल रहा था उसे बंद कर दिया गया है। पीके की टीम के कई सदस्य काफी समय से यहीं से काम कर रहे थे लेकिन अब टीम के सदस्यों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने की बात कही जा रही है। खबर यह भी है कि पीके ने दफ्तर समेटते समय अपने ज्यादातर स्टाफ को नौकरी से निकाल दिया है। स्टाफ से कहा गया है कि फिलहाल उनके पास कोई कोमा नहीं है।
जो प्रशांत किशोर कल तक बिहार के लाखों युवाओं को रोजगार देने का दावा करते थे वे आज अपनी कंपनी के 40 स्टाफ को भी रोजगार देने में नाकाब साबित हुए और अपने प्रचार के दुकान को समेट दिया है।