जमुई : जिला के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत महादेव सिमरिया पंचायत के बाजार में स्थित राम कुमार भगत उर्फ मुखिया भगत, मध्य रात्रि में आए आंधी तूफान से सपरिवार बाल-बाल बचे. रात के भीषण गर्मी में मुखिया भगत सपरिवार अपने घर में गहरी निंद्रा में सो रहे थे. उसी समय अचानक प्राकृतिक आपदा के रूप में आए आंधी तूफान से घर की दीवार एवं छत भरभरा कर गिर गई. जिससे सभी परिवार तो बाल-बाल बच गए, लेकिन काफी आर्थिक क्षति उठाना पड़ा घर का बहुमूल्य सामान के साथ-साथ किचन से संबंधित सभी सामान क्षत-विक्षत हो गया. जिससे आज इस महामारी में किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे इस व्यक्ति को भोजन के लाले के साथ-साथ सर पर छत भी नसीब नहीं है. जिससे इस प्राकृतिक गर्मी में अपने एवं अपने परिवार को कहीं आश्रय दे सके.
राम कुमार भगत उर्फ मुखिया भगत के पुत्र शिबू भगत के कथनानुसार इंदिरा आवास योजना में आज से 10 वर्ष पूर्व सूची में नाम एवं सिकंदरा प्रखंड के दीवाल पर अंकित रामकुमार भगत का नाम होने के बावजूद भी इस परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका आखिर क्यों? आखिर इसमें दोष किसका है सरकार का या प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी का या फिर इस गरीब परिवार का जिन्होंने अपने स्तर से पंचायत एवं प्रखंड तक दौड़ लगाई लेकिन किसी ने आज तक सुनवाई नहीं ली.
इस गरीब परिवार पर विपत्ति का बोझ तो बहुत बड़ा आ गया. मगर फिर भी पूरा परिवार भगवान का शुक्रगुजार है कि किसी भी परिवार को खरोंच तक नहीं आई. लेकिन पूरे परिवार को चिंता इस बात की हो रही है कि आखिर अब रहेंगे कहां, खाना बनाया जाएगा. कहां और पूरा परिवार गुजारा कहां करेंगे.

वहीं उस घर की गृहिणी ने बताया कि अगर यह आंधी तूफान दिन में आता तो शायद हमारा पूरा परिवार इस छत के नीचे दब कर रह जाते. क्योंकि वहीं जगह खाना बनाने का एवं खाना खाने का था. लेकिन भगवान का लाख-लाख शुक्रगुजार हैं कि यह आंधी रात में आई जिससे मेरा पूरा परिवार बाल-बाल बच गया. जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय. बाल न बांका कर सके, जो जग बैरी होय.
नदन निराला की रिपोर्ट