द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार समेत पूरा देश कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है. बिहार में पिछले पांच दिनों में कोरोना के मरीजों की संख्या में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इस बीच लॉकडाउन के कारण गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को खाने की काफी दिक्कत हो रही है. इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तरफ से कदम उठाए हैं.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा था कि बिहार सरकार उन 14 लाख लोगों की सूची जल्दी भेजे जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अनाज नहीं मिल पा रहा है, ताकि उनके लिए अनाज भेजा जा सके. लेकिन जानकारी के मुताबिक बिहार की तरफ से अभी तक कोई सूची नहीं भेजी गई है.
सड़ी हुई है बिहार सरकार की मानसिकता
वहीं इस मामले को लेकर सियासत शुरु हो गई है. जमुई से सांसद और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने नाराजगी जताते हुए सरकार से जल्दी सूची भेजने की मांग की थी. वहीं अब तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर बिहार सरकार पर निशाना साथ है. तेजस्वी ने अंग्रेजी में ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि अब रामविलास पासवान जी ने भी हमारी चिंताओं पर मुहर लगा दिया है. खाद्यान्न वितरण में बिहार अतिरिक्त आवंटन के बावजूद पिछड़ रहा है. उन्होंने आगे लिखा कि अगर गोदाम में अनाज सड़ रहे हैं और गरीब भूखे मर रहे हैं तो ये बिहार सरकार की सड़ी हुई मानसिकता का हिस्सा है.
चुनाव से पहले अनाज बांटेंगे सीएम
वहीं अपने दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है कि पासवान जी के दावों के मुताबिक बिहार के खाद्यान्न का वितरण नहीं कर रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार पर तंज करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वे स्वेच्छा से इसका स्टॉक कर रहे हैं, क्योंकि उनका दृढ़ विश्वास है कि लोग तत्काल राहत को याद नहीं करते हैं. इसलिए वह अपने आजमाए हुए और परखे हुए फॉर्मूले को लागू कर रहे हैं और चुनावों से पहले वोट बटोरने के लिए इसे वितरित करेंगे.