मोतिहारी : कोरोना जैसे महामारी को लेकर सरकार ने देश में तीन मई तक लॉकडाउन लागू कर रखा है. लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं. जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसी लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए पुलिस के कार्यशैली पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के सम्मान में देश के लोगों से थाली पिटवायी और ताली बजवाया. पर उसी पुलिस का एक चेहरा हम आपके सामने रख रहे है. जिसे देखकर आप पुलिस के गुंडागर्दी और अत्याचार के पराकाष्ठा का अंदाजा लगा सकते हैं. ताजा मामला बिहार के मोतिहारी की है. तस्वीर मोतिहारी से आई है. जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
मोतिहारी नगर से सटे रघुनाथपुर थाना क्षेत्र की घटना है. लॉकडाउन को लेकर सड़क पर वाहन जांच अभियान चल रहा था. तभी मोटरसाइकिल से अपने बच्चों को लेकर जा रहे एक पिता को थाना प्रभारी के आदेश पर रोककर पहले बच्चे को बाइक से उतार दिया. फिर बच्चे के सामने ही उसके पिता पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया. वजह भी पूछना मुनासिब नहीं समझा.
वहीं अपने पिता की बेरहमी से पिटाई देख बच्चे चीखने चिल्लाने और डर से कांपते रहे. पुलिस गुंडे की तरह असहाय पिता को पिटती रही. पुलिस का पूरा गुंडागर्दी थाना प्रभारी के समक्ष होता रहा. इस बीच थाना प्रभारी को जुबेनाइल एक्ट का भी एहसास नहीं हुआ या कहे तो वर्दी का गुरुर इस कदर इनके सर पर चढ़ा था. मानो कानून इनके तेवर के सामने कुछ नहीं. इस तस्वीर को देखर इस बात को भी समझने का प्रयास करिए की इस नन्हें बच्चे के निगाह में पुलिस का चेहरा जो कैद हुआ है. इससे पुलिस को बच्चे आने वाले समय में किस नजर से देखेगा वो तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
बहरहाल, बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अपने पुलिसकर्मियों से लगातार अनुरोध कर रहे है कि निर्दोषों पर लाठी नहीं बरसाई जाए. पर ये थाना प्रभारी उनके आदेश को भी नहीं समझते हैं. खैर देखने वाली बात ये होगी की इस तस्वीर के सामने आने के बाद अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं.
दिव्यांशु रमन की रिपोर्ट