BIHAR: बांका जिला के अमरपुर में पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी प्रतिबंधित बालू घाट से अवैध खनन पर ब्रेक नहीं लग पाया है । भागलपुर सीमा के वासूदेवपुर, बीरमां, भदरिया सहित आसपास के प्रतिबंधित घाटों पर बालू तस्कर की सक्रियता बनी हुई है । यहीं कारण है कि चोरी-छिपे अवैध खनन का खेल जारी है । हलांकि पुलिस ने सोमवार की देर रात भदरिया गांव के समीप से एक अवैध बालू लदा ट्रैक्टर को जब्त किया है । लेकिन पुलिस बल को देखते ही चालक ट्रैक्टर छोड़कर अंधेरे में भागने में सफल रहा ।
जब्त अवैध बालू लदा ट्रैक्टर भदरिया गांव के ही एक बालू तस्कर का बताया जा रहा है । इन्होने प्रतिबंधित बालू घाट पर बालू तस्कर इस कदर हावी है कि शाम होते ही नदी से अवैध खनन करने में लग जाता है । यहां तक लगभग एक पखवाड़ा पूर्व एसडीओ एवं खनन विभाग के पदाधिकारी ने वासूदेवपुर, बीरमां सहित आसपास के प्रतिबंधित घाट पर छापामारी किया था । जिसमें नदी में बांका -भागलपुर सीमा क्षेत्र तक का निरीक्षण भी किया था । निरीक्षण के दौरान नदी में प्रवेश करने वाले सभी अस्थायी मार्ग में गड्ढे बनाने का निर्देश दिया था । ताकि नदी में प्रवेश नहीं कर सके । नदी में प्रवेश करने के अस्थायी मार्ग में बडे-बडे गड्ढे भी बना दिया गया था । जिससे अवैध खनन लगभग रूक गया था । लेकिन बालू तस्कर नदी से अवैध खनन करने के लिए गड्ढे को एक बार फिर भरने में लगा हुआ है ।
ताजा मामला वासूदेवपुर दो पुलिया के समीप नदी के अस्थायी मार्ग पर बने गड्ढे को पुरी तरह से भर दिया है । जो आसपास के गांवों में चर्चा का विषय बना हुआ है । वासूदेवपुर पूर्वी व पश्चिमी एवं बीरमां पूर्वी व पश्चिमी टोला के कई लोगों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि नदी से अवैध खनन का मास्टरमाइंड सजौर के फुलवडिया एवं गोविंदपुर गांव के बालू तस्कर है । जो आसपास के जिला के कुख्यात अपराधकर्मी को भी संरक्षण दिये हुए है । और इन्हीं अपराधकर्मी का ग्रामीणों को भय दिखाकर अवैध खनन करने में लगा हुआ है । ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में अवैध खनन की सूचना पुलिस को देते थे । लेकिन सूचना देने के बाद कई लोगों को बालू तस्कर का कोपभाजन का शिकार होना पड़ा है । इसलिए नदी किनारे गांव के लोग सूचना देने से परहेज करने लगे है । प्रभारी थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि एक अवैध बालू लदा ट्रैक्टर को जब्त किया है । जब्त ट्रैक्टर को लेकर कानूनी कारवाई की जा रही है ।
-दीपक कुमार सिंह रिपोर्ट