नई दिल्ली : पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. आधा जून बीतने को है लेकिन कोरोना मरीजों की संख्या तीन लाख के पार पहुंच चुकी है. देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र और राजधानी दिल्ली में हर दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छठी बार बैठक करने वाले हैं. ये बैठक दो दिनों तक अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चलेगी. जिसका शेड्यूल जारी कर दिया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री मोदी किन बातों को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर सकते हैं.
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन लाख को पार हो गई है. देश में कोरोना के प्रकोप को रोकने लिए मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसे बाद में तीन बार बढ़ाया गया था. इसके बाद आठ जून से देश में अनलॉक-1 के तहत पाबंदियों में कई तरह की छूट दी गई है.
सभी राज्यों से ले सकते हैं रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बैठक में सबसे पहला प्रारुप सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक उनके प्रदेश की रिपोर्ट लेना हो सकता है. क्योंकि जिस तरह अनलॉक-1 में ज्यादातर प्रदेशों में कई पाबंदियों में छूट दी गई, उससे पैदा हुए हालातों पर समीक्षा की जा सकती है. ऐसे में ये देखना अहम होगा कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री के समक्ष केन्द्र द्वारा प्रस्तुत की गई गाइडलाइन्स और अपने प्रदेश में लागू हुई गाइडलाइन की समीक्षा भी की जा सकती है. इसके साथ ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्य में स्थिति एवं बेहतरी के लिए सुझाव भी लिए जा सकते हैं.
दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के लिए अलग प्लान ?
देश की राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी बढ़ रही है. अगर महाराष्ट्र की बात करें तो यहां कोरोना मरीजों का आंकड़ा एक लाख को पर गया है. कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्ली की भी है, जहां मरीजों के इलाज पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त टिप्पणी भी की गई है. वहीं गुजरात की बात करें तो गुजरात में कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरूआत से ही मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है. ऐसे में ये देखना अहम होगा की सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के लिए प्रधानमंत्री क्या रणनीति अपनाते हैं.