नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के 65वें भाग में एक बार फिर से देशवासियों को संबोधित किया. पीएम की मन की बात कार्यक्रम आज सुबह 11 बजे शुरू हुई. पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मजबूती से लड़ रहे हैं. दो गज की दूरी के नियम में जरा भी ढील न बरतें. पीएम ने कहा अर्थव्यवस्था खुलने के बाद ज्यादा सावाधानी बरतनी होगी. दुनिया के मुकाबले भारत में कोरोना मृत्यु दर काफी कम. देशवासी आगे बढ़कर लोगों की मदद कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि देश ने दिखाया सेवा और त्याग हमारे आदर्श हैं. संकट के समय में लोगों ने इनोवेशन पर काम किया. रेलवे ने लाखों श्रमिकों को घर पहुंचाया. पूर्वी भारत का विकास हमारी प्राथमिकता है. चुनौतियों के बीच देश में आत्मनिर्भर भारत पर मंथन. लोगों ने आत्मनिर्भर भारत को अपना मिशन बनाया. लोग वोकल फॉर लोकल को प्रोमोट कर रहे है.
पीएम ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में योग और आयुर्वेद मददगार. आयुष्मान भारत के लाभार्थी एक करोड़ से ज्यादा हुए. आयुष्मान भारत योजना के 80 फीसदी लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र से हैं. अम्फान तूफान से घर तबाह हुए. किसानों को भी नुकसान हुआ. टिड्डी दल से भी किसानों को संकट का सामना करना पड़ा. टिड्डी दल ने किसानों के संकट को बढ़ाया. जल है तो जीवन है, जल है तो जिम्मेदारी भी है. हमें पानी को बचाना होगा.
नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि पिछली बार जब मैंने पिछली बार आपसे मन की बात की थी, तब यात्री ट्रेनें बंद थीं, बसें बंद थीं, हवाई सेवा बंद थी. इस बार, बहुत कुछ खुल चुका है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल रही हैं, अन्य स्पेशल ट्रेनें भी शुरू हो गई हैं. तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है. ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि देश में, सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है. हमारी जनसंख्या ज़्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला. देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है. हमारी जनसंख्या कई देशों से ज्यादा है फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला.
हमारे रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं. केंद्र, राज्य, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं- दिन-रात मेहनत कर रहें हैं. जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं. लाखों श्रमिकों को, ट्रेनों, बसों से सुरक्षित ले जाना, उनके खाने-पाने की चिंता करना, हर जिले में क्वारंटीन केन्द्रों की व्यवस्था, सभी की टेस्टिंग, चेक-अप, उपचार की व्यवस्था, ये सब काम लगातार चल रहे हैं और बड़ी मात्रा में चल रहे हैं.