नई दिल्ली : देश में कोरोना के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लोगों से जुड़ रहे थे. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को लेकर इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजिलेंस एंड एंटी करप्शन के नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया. पीएम ने कहा कि हजारों करोड़ के घोटाले, शेल कंपनियों का जाल, टैक्स चोरी, ये सब वर्षों तक चर्चा के केंद्र में रहा. 2014 में जब देश ने बड़े परिवर्तन का फैसला लिया तो सबसे बड़ा चैलेंज इस माहौल को बदलना था. बीते कुछ सालों में देश करप्शन पर जीरो टालरेंस की अप्रोच के साथ आगे बढ़ा है. 2014 से अब तक प्रशासनिक, बैंकिंग प्रणाली, हेल्थ, शिक्षा, कृषि और श्रम हर क्षेत्र में सुधार हुए.
पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार केवल कुछ रुपयों की ही बात नहीं होती. भ्रष्टाचार से देश के विकास को ठेस पहुंचती है. साथ ही भ्रष्टाचार सामाजिक संतुलन को तहस-नहस कर देता है. देश की व्यवस्था पर जो भरोसा होना चाहिए, भ्रष्टाचार उस भरोसे पर हमला करता है. मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का वंशवाद आज की तारीख की सबसे बड़ी चुनौती है. भ्रष्टाचार करने के बाद ढिलाई और पर्याप्त सजा नहीं मिलने पर अगली पीढ़ी को लगता है कि जब ऐसे लोगों को मामूली सजा के बाद छूट मिल जाती है तो उसका भी भ्रष्टाचार के लिए मन बढ़ता है. ये स्थिति भी काफी खतरनाक है, लिहाजा भ्रष्टाचार के वंशवाद पर प्रहार करना होगा. देश में कोरोना के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लोगों से जुड़ रहे थे. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को लेकर इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजिलेंस एंड एंटी करप्शन के नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया.

पीएम ने कहा कि हजारों करोड़ के घोटाले, शेल कंपनियों का जाल, टैक्स चोरी, ये सब वर्षों तक चर्चा के केंद्र में रहा. 2014 में जब देश ने बड़े परिवर्तन का फैसला लिया तो सबसे बड़ा चैलेंज इस माहौल को बदलना था. बीते कुछ सालों में देश करप्शन पर जीरो टालरेंस की अप्रोच के साथ आगे बढ़ा है. 2014 से अब तक प्रशासनिक, बैंकिंग प्रणाली, हेल्थ, शिक्षा, कृषि, श्रम हर क्षेत्र में सुधार हुए.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार केवल कुछ रुपयों की ही बात नहीं होती. भ्रष्टाचार से देश के विकास को ठेस पहुंचती है. साथ ही भ्रष्टाचार सामाजिक संतुलन को तहस-नहस कर देता है. देश की व्यवस्था पर जो भरोसा होना चाहिए, भ्रष्टाचार उस भरोसे पर हमला करता है.
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का वंशवाद आज की तारीख की सबसे बड़ी चुनौती है. भ्रष्टाचार करने के बाद ढिलाई और पर्याप्त सजा नहीं मिलने पर अगली पीढ़ी को लगता है कि जब ऐसे लोगों को मामूली सजा के बाद छूट मिल जाती है तो उसका भी भ्रष्टाचार के लिए मन बढ़ता है. ये स्थिति भी काफी खतरनाक है, लिहाजा भ्रष्टाचार के वंशवाद पर प्रहार करना होगा.