द एचडी न्यूज डेस्क : स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत द्वारा एक और अहम कदम बढ़ाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को लॉन्च किया. इस योजना के तहत देश के हर नागरिक की हेल्थ आईडी तैयार की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को लॉन्च किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को लॉन्च करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में ये एक क्रांतिकारी कदम है. पीएम मोदी ने कहा कि देश की गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों के इलाज में इस योजना ने अहम भूमिका निभाई है, अब डिजिटल फॉर्म में आने से इसका विस्तार हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि अब हर किसी को हेल्थ आईडी मिलेगी, इसकी मदद से मरीज और डॉक्टर अपने रिकॉर्ड्स चेक कर सकते हैं. इसमें डॉक्टर्स, नर्स समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का रजिस्ट्रेशन होगा, अस्पताल-क्लीनिक-मेडिकल स्टोर्स का रजिस्ट्रेशन होगा.
पीएम मोदी बोले कि डिजिटल इंडिया अभियान ने देश के सामान्य नागरिक की ताकत बढ़ा दी है. हमारे देश के पास 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल यूजर, 80 करोड़ इंटरनेट यूजर, 43 करोड़ जनधन बैंक खाते हैं, ऐसा दुनिया में कहीं नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिली, इसके साथ ही भारत सबको वैक्सीन – मुफ्त वैक्सीन दे रहा है. अबतक 90 करोड़ वैक्सीन लग पाई हैं और इसमें को-विन का बहुत बड़ा रोल है. प्रधानमंत्री बोले कि कोरोना काल में टेलिमेडिसिन ने भी सभी की मदद की है, आयुष्मान योजना के तहत अबतक दो करोड़ देशवासी मुफ्त इलाज करवा चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पहले कई गरीब ऐसे थे, जो अस्पताल जाने से बचते थे लेकिन आयुष्मान भारत आने के कारण उनका ये डर दूर हो गया है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में दौरे के दौरान वह आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से मिलते रहते हैं. पीएम मोदी बोले कि पिछले तीन साल में सरकार ने लाखों-करोड़ों रुपये सिर्फ गरीब की चिंताएं दूर करने के लिए की हैं. सरकार की ओर से देश के वर्तमान और भविष्य में एक बड़ा निवेश किया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक लोगों को किसी दूसरी जगह इलाज के लिए जाने पर अपना पूरा मेडिकल इतिहास ले जाना पड़ता है, लेकिन जब ऐसी सुविधाएं डिजिटली होंगी तब लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स को भी मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले के प्राचीर से इसका ऐलान किया था, शुरुआत में इसे कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा और फिर पूरे देश में विस्तार किया जाएगा. बता दें कि भारत सरकार द्वारा पहले आयुष्मान योजना लागू की गई थी, जिसके तहत हर व्यक्ति को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलने की व्यवस्था थी.
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हेल्थ आईडी में होगी सभी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी
प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन में एक हेल्थ आईडी मिलेगा. यह एक यूनिक 14 संख्या का हेल्थ आइडेंटिफिकेशन होगा, जो हर नागरिक को मिलेगा. यह उनके हेल्थ अकाउंट के तौर पर भी काम करेगा. नेशनल हेल्थ आईडी में व्यक्ति की सभी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी जाएगी. हेल्थ आईडी की मदद से नागरिकों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को उनकी सहमति के साथ एक्सेस किया जा सकेगा.
इसके तहत हेल्थ अकाउंट में हर टेस्ट, हर बीमारी, जिन डॉक्टर्स को दिखाया है, ली गई दवाइयां और डाइग्नोसिस की डिटेल्स मौजूद होंगी. यह जानकारी बहुत उपयोगी होगी क्योंकि अगर मरीज को नई जगह पर शिफ्ट किया जाता है और वह नए डॉक्टर के पास जाता है, तो भी यह पोर्टेबल है और इसे आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा.
हेल्थ आईडी मुफ्त और स्वैच्छिक
जनधन, आधार और मोबाइल (JAM) ट्रिनिटी और सरकार के दूसरे डिजिटल कदमों के आधार पर, पीएम डिजिटल हेल्थ मिशन में डेटा, जानकारी और इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज के आधार पर एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा. इस डिजिटल सिस्टम में स्वास्थ्य संबंधित निजी जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और प्राइवेसी का ध्यान रखा जाएगा.
हेल्थ आईडी को व्यक्ति की बेसिक डिटेल्स और मोबाइल नंबर या आधार नंबर का इस्तेमाल करके बनाया जाता है. निजी हेल्थ रिकॉर्ड्स को लिंक और देखा जा सकता है. इसके लिए एक मोबाइल ऐप्लीकेशन, एक हेल्थकेयर प्रोफेशन्लस रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रीज (HFR) की मदद ली जाएगी.
NDHM के तहत हेल्थ आईडी मुफ्त, स्वैच्छिक है. हेल्थ डेटा के विश्लेषण की मदद से राज्यों और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की बेहतर प्लानिंग, बजटिंग और कार्यान्वयन किया जा सकेगा, जो बड़ा उपयोगी साबित होगा.