नई दिल्ली : कोरोना संकट और सीमा पर चीन के साथ तनातनी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते लड़ते अब हम अनलॉक टू में प्रवेश कर रहे हैं. इसके साथ ही हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं. जिसमें सर्दी जुकाम खांसी बुखार आदि बढ़ जाते हैं. मेरी आप सबसे प्रार्थना है कि ऐसे समय में अपना ध्यान रखें.
अगर हम कोरोना से होने वाली मौतों की तुलना करें तो हम संभली हुई स्थिति में है. समय पर हुए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है. लेकिन हम यह भी देख रहे हैं. कि जब से देश में अनलॉक वन हुआ है व्यक्तिगत और सामजिक तौर पर लापरवाही बढ़ती ही चली गई है. पहले हम मास्क को लेकर दो गज की दूरी को लेकर बीस सेकंड दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है तो लापरवाही बढ़ना चिंता का कारण है.
पीएम मोदी ने कहा कि साथियों लॉकडाउन खोलने पर बहुत नियमों का पालन करना था. देश के नागरिकों को उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है. विशेषकर कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा।जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा.
आपने देखा होगा कि एक देश के पीएम पर 13 हजार रुपए का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि वो सार्वजनिक स्थल पर मास्क नहीं पहनकर गए थे. भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती के साथ काम करना चाहिए. भारत में गांव और या देश का प्रधान कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है. लॉकडाउन होते ही सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई. इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया. बीते तीन महीनों में गरीबों के खाते में रुपए जमा किए गए है.
कोरोना से लड़ते हुए भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को तीन महीने का राशन यानि पांच किलो गेंहू या चावल मुफ्त दिया गया. इसके अलावा प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो दाल भी मुफ्त दी गई. यानि अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना ज्यादा लोगों को और यूरोपीयन यूनियन की आबादी से 2 गुना ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है.
गरीब कल्याणा अन्न योजना का विस्तार
पीएम ने कहा कि आज मै इसी से जुड़ी एक महत्वपूर्व घोषणा करने जा रहा हूं. हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान कृषि क्षेत्र में ही मुख्य तौर पर ज्यादा काम होते है. अब देखिए सावन महीने के शुरू होते ही त्योहार शुरू हो जाते हैं. त्योहारों का यह समय जरूरत भी बढ़ता है और खर्च भी बढ़ाता है. हमने अब फैसला किया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा यानि नवंबर महीन के आखिरी तक कर दिया जाएगा.