छपरा : सारण से बिहार विधान पार्षद चुनाव के लिए प्रचार के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी इंजीनियर सचिदानंद राय आज सदर और गरखा प्रखंड के जनप्रतिनिधयों से अपने पक्ष में जन समर्थन मांगा. उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान की लड़ाई में पंचायत प्रतिनिधि ही मेरा चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने नारा दिया है कि अबकी बार चार हजार पार. जिले का चुनाव जाति पार्टी से ऊपर पंचायत प्रतिनिधियों के स्वाभिमान की लड़ाई बन गई है. हमारा भी संकल्प है कि पंचायत प्रतिनिधियों के सुरक्षा और वेतन, भत्ता और पेंशन की मजबूत लड़ाई लड़ना और इस बार की प्राथमिकता होगी.
इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन पेंशन भत्ते और मेडिकल सुविधाओं के लिए सरकार ने नीतिगत फैसला छह वर्षों के कार्यकाल में मजबूती से मांग उठाने के बाद की है. परंतु अब है कभी ऐसे कार्य बाकी है. जिससे गांव की सरकार गांव से चले और पंचायत सरकार गांव के विकास में अपनी भागीदारी निभाएं. इसके लिए सारण के समस्त जनप्रतिनिधि मेरे पक्ष में गोलबंद है.
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का यह मानना है कि सारण के बुलंद आवाज के रूप में मैं उनका मान सम्मान बढ़ाऊंगा. जिसके कारण उन्होंने यह नारा दिया है. अबकी बार चार हजार के पार, यह नारा काफी उत्साहित करने वाला है. परंतु सरकार बड़ी साजिश भी रच रही है. जिसका जवाब जनप्रतिनिधि चार अप्रैल को होने वाले मतदान में देंगे. उन्होंने कहा कि हमारा पिछड़ा संकल्प था, गांव को उनकी सरकार मिले. जिस मामले में मैंने सारण के जनप्रतिनिधियों के आवाज को मजबूती से उठाया और वार्ड सदस्यों को भी पंचायतों में काम मिलने लगा.

उन्होंने आगे कहा कि अब इसके बाद अब इसके बाद हमारी लड़ाई पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मानजनक वेतन पेंशन और भत्ते को लेकर है. जिसमें मैं लगा हुआ हूं. चुनाव परिणाम आने के बाद सड़क से सदन तक प्राथमिकता के आधार पर पंचायत के प्रतिनिधि सदस्यों के स्वाभिमान के रक्षा में करता रहूंगा. जिसे लेकर पंचायत प्रतिनिधि ही मेरी लड़ाई लड़ रहे है. सच्चिदानंद राय ने कहा कि जिले में जाति पार्टी से ऊपर उठकर चुनाव में पंचायत प्रतिनिधि अपने स्वाभिमान के रक्षा के लिए जग गए है.
संजय कुमार मुनचुन और राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट