छपरा : सारण से बिहार विधान पार्षद के निर्दलीय प्रत्याशी इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने एक बड़ी बात कह दी है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के अधिकार एवं मान-सम्मान की जो लड़ाई मैंने लड़ी है, उसका असर इस चुनाव में दिखने लगा है. मेरा प्रयास अब रंग लाने लगा है और जनप्रतिनिधि मेरे पक्ष में गोलबंद होने लगे हैं. जनप्रतिनिधियों को विश्वास है कि उनका पक्ष सरकार के पास रखने के लिए सचिदानन्द राय से बढ़िया कोई वकील नहीं हो सकता. उनके विश्वास और समर्थन के बदौलत ही पार्टी से बेटिकट होने के बाद भी मैं अपने संकल्प पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए फिर से जीतकर सदन जाने के लिए चुनाव में हूं.
ये सभी बाते इंजीनयिर सचिदानन्द राय ने अमनौर और तरैया के अलग-अलग पंचायतों में जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने जनप्रतिनिधियों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि इतना ईमानदारी से कार्य करने के बाद भी पार्टी को मैं हजम नही हुआ. लेकिन बेटिकट होने के बाद भी आप सबो ने मुझे जिस तरह से अपने दल (निर्दल) से जो टिकट दिया है, उससे मेरे अंदर दोगुना उत्साह बढ़ गया. अब निश्चित ही पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने में आप सबो का समर्थन असरदार भूमिका निभाएगी. निर्दलीय चुनाव जीतने का एक फायदा यह भी होगा की मैं चुनाव जीतकर पार्टी कार्यालय न जाकर आप सबो के बीच पांच वर्षो तक आपके साथ रहूंगा और आपके हर लड़ाई को लड़ूंगा.
सच्चिदानंद राय ने आगे कहा कि जब आपने मुझे पहली बार जिताकर भेजा तब आपके अधिकार की मैंने लड़ाई लड़ी. नतीजा आप सबो के सामने है कि किस तरह से सरकार के कार्यो में वार्ड सदस्यों को पहली बार अधिकार मिला. लेकिन अब अधिकारों को बढ़ाने के लिए सरकार की नई योजनाओं में सब कुछ शामिल है, जिसे पूरा करने के लिए ही मेरा चुनाव जीतना जरूरी है. जब अधिकार और काम बढ़ने लगेगा तो निश्चित ही सम्मानजनक वेतन भी मिलेगा और पेंशन भी. आप सबों के आपार समर्थन से इस बार चार से ज्यादा मतों से रिकार्ड जीत होगी.
विशाल भारद्वाज और बिपिन कुमार मिश्रा की रिपोर्ट