KAIMUR : खबर कैमूर से है जहां मंगलवार को भभुआ शहर के एकता चौक पर जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ़ लल्लु पटेल के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। दरसरल मामला निविदा रद्द वेंडरो से जल जीवन हरियाली मनरेगा योजना में सामग्री लेन-देन मे गलत तरीके से राशि की निकासी की गयी है। उक्त आरोप लगाते हुए कैमूर डीडीसी का पुतला दहन किया गया और इस लूट खसोट के मामले में निष्पक्ष जांच कराने के लिए माननीय मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव, ग्रामीणों विकास विभाग,आयुक्त ग्रामीणों विकास विभाग,तथा जिलाधिकारी कैमूर को पत्र भेजा।
वहीं अपने सैकड़ो समर्थको के साथ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि कैमूर जिला में विभागीय पत्रांक 232-04/02/20 तथा मनरेगा सर्कुलर 19-20 के अध्याय सात के आलोक में प्रकाशित निविदा अनुलग्नाक देखा जाएं। वहीं चैनपुर प्रखंड में मनरेगा के चयनित वेंडर को 346 रुपया के जगह 400 के दर से भुगतान किया गया. जिस आरोप में मनरेगा के पीओ को विभाग ने तलब किया है।आपको बता दें कि दिनांक 11/08/2022 को विभाग के द्वारा तकनीकी निविदा खोला गया.
निविदा मे गैबियन (बास) का दर 346 रुपया निर्धारित किया गया। फिर चैनपुर मे 400 के रेट से करोड़ों रुपए का भुगतान सरकारी राशि का गबन है। इन सब के जिम्मेवारी डीडीसी है।आखिर क्यों नहीं अब तक राशि रिकवरी हुआ इस मामले में कमिटी राज्य अस्तर से कमिटी गठित कर हम लोग के उपस्थिती में सारे प्रकरण की जांच की जाएं। जिससे वित्तीय नियमों के विरुद्ध कार्य करने और लूट खसोट का मामला उजागर हो सके, साथ ही विकास सिंह ने आरोप लगाया की कैमूर जिला में स्वछता के नाम पर डस्टबिन वितरण के लिए प्रखंड के चार पंचायत का चयन किया गया।
जिसके लिए 15/15 लाख की निकासी की गयी सरकार के द्वारा जारी निर्देश मे देख सकते है, कि उच्च कोटि नीलकमल का डस्टबिन वितरण करना है। इसके बावजूद पंचायत मे 30 से 40 रुपया का घटिया क़्वालिटी का डस्टबिन बांटा गया है, वो भी सूची गलत प्रस्तुत की गयी है। जिसके जिम्मेवार डीडीसी है। इनको इसमें 10 प्रतिशत कमिसन मिला है। मैं बिहार सरकार से मांग करता हूँ कि तत्काल सभी पंचायत मे जांच किया जाए की कितने लोगों को लाभ मिला है जिनको मिला भी है उसकी गुणवत्ता की जांच कर उचित कार्यवाही की जाएं।
रोहतास से अमित कुमार गुप्ता की रिपोर्ट