PATNA: आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश सिन्हा एवं प्रदेश प्रवक्ता बबलु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि नक़ली किताब छापने वाले लोग अपने निजी हित में सरकार के उस फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं जिसमें सरकार ने राज्य के प्रारंभिक कक्षाओं में पढ़ने वाले डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से आरटीई के तहत फिर से मुफ़्त में किताबें पहुँचाने की प्रकिया पर विचार कर रही है।
आप नेताओं ने कहा कि विरोध करने वाले नेता पूर्व में जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव के पद पर रहे हैं और वर्ष 2014 में इन्हें सरकारी पाठ्यक्रम पुस्तकों की नक़ली किताबों की छपाई मामले में रंगेहाथ पकड़ा गया था एवं बाद में जदयू ने इन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया था।
आप नेताओं ने कहा कि सीधे बच्चों के खाते में पाठ्यक्रम पुस्तकों की राशि भेजने से एक ओर जहां बहुत से बच्चे या उनके अभिभावकों ने पैसों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया वहीं दूसरी ओर बजार में नक़ली और निम्न स्तरीय किताबें भी छपने लगीं ।
आप नेताओं ने आरोप लगाया कि आज जो लोग मुख्यमंत्री को अपने निजी हित में पत्र लिखकर पाठ्यक्रम पुस्तकों की पूरानी प्रक्रिया को बहाल करने की वकालत कर रहे हैं ये वही लोग हैं जो पूर्व में नक़ली किताबें छापने के जुर्म में जेल जा चुके हैं।
यह घोर आश्चर्य की बात है कि ऐसे लोगों को जदयू एक बार फिर से पार्टी में शामिल ही नहीं बल्कि पद एवं प्रतिष्ठा देकर उन्हें सम्मानित भी कर रही है।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट