PATNA: तार बिजली से पतले हमारे पिया, कुछ खाते नहीं है हमारे पिया गाना बिहार झारखंड में खूब पोपुलर हुआ था। जिसे आवाज दी थी मशहुर लोक गायिका शारदा सिन्हा ने जो फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के लिए था। लेकिन गैंग्स ऑफ नालंदा ने सोलर सिस्टम के जरिए ऐसा कमाल किया है कि लोग इस गाने को दूसरे अंदाज में गा रहे हैं। जिसकी बोल है, सोलर सिस्टम से कमाते हैं हमारे पिया…खुद भी खाते हैं, और परिवार को चलाते है हमारे पिया।
जी हां यह हकीकत है बिहार के नालंदा की जहां 24 घंटे बिजली के साथ-साथ जरूरत से ज्यादा बिजली होने पर पॉवर ग्रिड को बिजली बेची जा रही है। बिजली के करंट से खूब कमाई हो रही है। सोलर सिस्टम से सरकार को बिजली बेचकर लाखों रूपये की कमाई की जा रही है। यह मिसाल है नालंदा की जिसे देखते हुए आसपास के जिलों के साथ साथ बिहार के कई जिले इसे कमाई का जरिए बनाने में जुट गए हैं। नालंदा के सरकारी और निजी मकानों की छतों पर लगे सौर उर्जा प्लांट से तैयरा बिजली बहुत बड़ी राहत दे रहीहै। लगभग 150 ऐसे निजी मकान है जनकी छतों पर सौर उर्जा का प्लांट लगा है। तकरीबन सबा दो हजार यूनिट बिजली तैयार हो रही है। आंकड़ो को जोड़कर देखें तो करीब चार लाख रूपये बिजली की बचत हो रही है।
नालंदा बना ग्रीन एनर्जी जोन
सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन करने वाले पहले इक्के दुक्के ही थे मगर धीरे धीरे लोगों में इसकी दिलचस्पी बढ़ी और आज सकैड़ो घरो की छत पर इस प्लांट को आसानी से देखा जा सकता है। जिला मुख्यालय ही नहीं बल्कि जिले के सभी प्रखंड कार्यालयों में अनुमंडलीय कार्यालयों में, अस्पतालों में, सरकारी स्कूलों की भवनों में आकार के अनुसार प्लांट लगाया
गया है। जिससे पर्यावरण भी पूरी तरह संतुलित है। तभी तो नालंदा ग्रीन एनर्जी जोन में शामिल है।
लालटेन से सोलर तक का सफर
इसे कमाल नहीं तो और क्या कहेंगे…जिस राज्य में पिछले कुछ साल पहले चंद मिनटों के लिए बिजली आती थी और कई घंटे तक बिजली गुल हो जाती थी। राजधानी को छोड़ दें तो कई ऐसे जिले जहां न तो बिजली का पोल था न ही बिजली की तार। बिहार के कई शहरों को तो जेनरेटर का शहर कहा जाता था। जिसके प्रदुषण से से फिजा में जहर घुल रही थी। मगर बदलते माहौल के बीच बिहार में सीएम नीतीस के गृह जिले ने कमाल कर दिया। नालंदा के लोगों ने बेमिसाल कर दिया।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट