PATNA: दिन मंगलवार तारीख 27 सितम्बर दोपहर के करीब साढ़े बारह बजे एक खबर आग की तरह फैल गई। पटना में दिन दहाड़े एच डीएफसी बैंक से 6 लाख की लूट, जिसने भी सुना दंग रह गया। खबरे फ्लैश की तरह टीवी स्क्रीन पर प्लेट तोड़ने लगी। सोशल मीडिया ने खबरों को हर किसी के मोबाईल तक पहुंचा दिया। मिनटों में खबर का वीडियो भी पहुंच गया। लेकिन आश्चर्य कहे या कुंभकर्णी नींद का असर, तनाव कहे या त्योहारों में छुट्टी न मिलने की टेंशन पटना पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की यह तस्वीर देखकर पूरा सिस्टम समझ में आ जाएगा।
पटना पुलिस की चुश्ती फुर्ती का सच देखकर दंग रह जाएंगे आप। राजेन्द्र नगर पुल पर 6 लाख की लूट और पटना सिटी का अंगमकुंआ पुल महज चंद मीटर की दूरी पर है। गाड़ियों की भोंपू की आवाज तेज हार्न की आवाज जाम से परेशान जनता के बीच दो पुलिस के जवान ऐसे कुर्सी पर सोए है। घटना , दुर्घटना, जाम से बेफिक्र वायरलेट कंधे पर लटकाए आईसीआईसीआई बैंक के छतरी तले धूप छाव के बीच खर्राटे की आवाज गाड़ी के हार्न की भले ही दव जा रही हो मगर नींद इनकी नहीं टूटी।
न चाहते हुए भी बहुत देर बाद पत्रकार के नाते इच्छा जागृत हुई कुछ सवाल पूछ लिया जाए। तो इनका जवाब और अंदाज और भी निराला रहा। लूट की घटना पर इन्हे दिन में तारे नजर आने लगे। शहर के इन जांवाज सिपाही और ट्रैफिक पुलिस को कुछ पता ही नहीं। वायरलेस की हकीकत यह है कि आवाज नहीं आती । फलां फलां कहकर इन रक्षकों ने सिस्टम की पूरी पोल खोल दी।
खैर अब ये बताने की जरूरत नहीं कि पटना में जाम क्यों और कैसे लगता है। हां यदि माननीय को सड़क से गुजरना हो तो इनका वायरलेस और ड्यूटी देखते बनती है। पब्लिक को सूचना से आधा घंटा पहले लाठी दिखाकर रोक देते हैं। फिर आपका काम कितना भी जरूरी है। इन्हें उन बातों से क्या।
अगमकुआं आरओबी ब्रिज चौराहा पर ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक एएसआई अमरजीत कुमार और होम गार्ड सिपाही नंदकिशोर शर्मा कुर्सी पर बैठ कर नींद लेते देखे जाने के सवाल पर इनका तर्क बिल्कुल जायद और मुनासिब था। जब उन्हें नींद से जगाया गया और ड्यूटी कर्तव्य का पाठ याद कराया गया तो एएसआई अमरजीत सिंह ने बताया कि धूप कड़ी थी। वाहन भी यदा-कदा गुजर रहे थे। जिस कारण कुर्सी पर बैठ गए। न जाने कब उनकी आंखें झपक गयी, पता ही नहीं चला। वैसे उनकी ड्यूटी दोपहर दो बजे से लेकर रात दस बजे तक है।
पटना से क्राईम रिपोर्टर अन्नू प्रकाश की रिपोर्ट