PATNA: पटना हाई कोर्ट ने 1 अगस्त 2023 को नीतीश सरकार द्वारा राज्य में ‘जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण’ के लिए लाई गई याचिकाओं पर फैसला सुना दिया है। अदालत ने जातीय जनगणना के विरुद्ध दायर याचिकायों को खारिज कर दिया है। अब बिहार सरकार जातीय गनगणना करा सकेगी। इससे पहले 3 जुलाई 2023 से पांच दिनों की लम्बी सुनवाई पूरी कर पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस सम्बन्ध में अपने फैसले को सुरक्षित रखा था।
महाधिवक्ता पी के शाही ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा था। उनके द्वारा कहा गया था कि ये एक सर्वे है। जिसका अहम उद्देश्य आम लोगों के सम्बन्ध आंकड़ा इकट्ठा करना है, जिसका इस्तेमाल उनके कल्याण और हितों के लिए किया जाता है। उनके द्वारा कोर्ट के सामने कहा गया कि जाति से जूरी सूचना, शिक्षण संस्थाओं में दाखिले या नौकरियां देने के वक्त भी मुहैया कराई जाती है। उन्होंने ये भी दलील दी कि जातियां समाज का हिस्सा हैं, जैसे कि हर धर्म में अलग-अलग जातियां होती है।