PATNA :बड़ी खबर पटना से है जहां स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) & मस्कूलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित बच्चे का इलाज एवं दवाई के लिए सरकार से गुहार एवं अपील करने के लिए आज रोड पर उतर गये है। दरसरल पटना के कारगिल चौक पर आज काफी संख्या में बिहार के कई जिलों से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से जूझ रहे बच्चे के पेरेंट्स पहुंचे।
भारत सरकार , स्वास्थ्य मंत्रालय , मंत्री मानवाधिकारी एवं कोर्ट के माध्यम से भारत सरकार के SMA & DMD का दवाई एवं इलाज उपलब्ध करवाने के लिए सैकड़ो बार सैकड़ों परिवार के द्वारा कई वर्षो से लगातार आवेदन , मुलाकात , प्रिन्ट मिडिया , इलेक्ट्रोनिक मिडिया के द्वारा गुहार एवं अपील की गई । लेकिन आज तक भारत सरकार इस गंभीर बिमारी के लिए अभी तक कोई भी ठोस सटीक रणनीति तैयार नहीं किया। जिसकी वजह से आज करीबन 300 की संख्या में आधे बिहार के बच्चे 2 दिन पर ही इस बीमारी से जूझ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कई लोगों ने अपना दम तोड़ दिया।
आपको बता दें की लोगों का कहना है ,इस बीमारी का इंजेक्शन अमेरिका में है और वहां से आने में इसे करोड़ों रुपए खर्च होते हैं इस करोड़ों रुपए को मिडिल परिवार के लोग भुगतान नहीं कर सकते है।इसलिए लोगों की एक ही मांग कर रहे हैं यह लोग कि हमारे बच्चे को जीवनदान दे सरकार और नहीं तो सल्फास की गोली दें।
इसी क्रम में आज पटना के कारगिल चौक पर ऐसे कई परिवार के बच्चे के मां-बाप काला बिल्ला पट्टी लगाकर सरकार से मांग कर रहे हैं.क्यूंकि कई लोगों ने अपने बच्चे को बचाने के लिए अपने सारी संपत्ति बेच चुके है। अब उनके पास कोई रास्ता नहीं है जो भारत सरकार सिर्फ मेक इन इण्डिया और आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं।लेकिन धरातल पर शुन्य है.
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट