इसे साहस कहें या फिर जज्बा भी। लोग अपनों की मौत के बाद टूट जाते हैं। और जब बात एक मासूम की मृत्यु से जुड़ी हो तो माता-पिता को जीने के लिए कलेजे पर पत्थर रखना पड़ता है। लेकिन इस दंपत्ति ने न सिर्फ अदम्य साहस दिखाया बल्कि एक जागरूक इंसान होने के नाते मानवता का भला कर गई।
गुमला की 26 महीने की वंशिका भले ही इस दुनिया में नहीं रही लेकिन उसकी आंखें अब किसी और के जीवन में रौशनी भरेगी। दंपती चंद्रप्रकाश पन्ना और उनकी पत्नी सुलेखा पन्ना बेटी गुरुवार को खेलने के दौरान घर के बालकनी में खेलने के दौरान सीढ़ियों से नीचे गिर गई। बच्ची को एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। इसके बाद बच्ची को रांची के रानी चिल्ड्रन अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
sसुलेखा ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने खुद को और पति को संभाला। फिर दोनों ने फैसला लिया कि वंशिका की आंखें दान की जाए। भले ही बिटिया हमारे बीच नहीं रही लेकिन उसकी आंखों से किसी और के जीवन में रौशन आ सके। साथ ही बच्ची की आंखें भी जीवित रहेगी। उन्होंने नेत्रदान के दौरान डॉक्टरों से कहा कि वे उस इंसान से जरुर मिलना चाहेंगे जिसे बच्ची की आंखें दी जाएगी।